बुधवार, 5 नवंबर 2008
व्यवस्था
आज कल हर एक व्यक्ति केवल अपने बारे में ही सोचना चाहता है. सीतापुर में जिला स्तरीय क्रीडा का आयोजन किया गया जिसमें दूर दराज़ के बच्चे भी आए. इन बच्चों को नगर के विभिन्न विद्यालयों में रोका गया. व्यवस्था के नाम पर ये बच्चे रात भर सर्दी में ठिठुरते रहे. स्थानीय समाचार पत्रों को इसकी भनक लग गई तो उन्होंने कुछ खास ख़बर के लिए इसे छाप दिया पर रात में बच्चों कि सुधि किसी ने नहीं ली ... क्या होता जा रहा है हमारे समाज को क्यों हम इतने संज्ञा शून्य होते जा रहे हैं ? अभी चुनाव में भी देर है वरना कोई नेता ही वोट एवं फोटो के लालच में कुछ रजाई गद्दे भिजवा देता.... बस एक ही बात याद आती है कि ..... तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के... इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के ...... मेरा भारत महान
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Very nice blog Ashutosh Ji on current issues of our country. PLS feel free to ask me if you need any technical help in maintaining or improving this blog.
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