मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

गुरुवार, 16 अगस्त 2012

मिठाई के बाद गोली

             लगता है कि पाकिस्तान अपनी दोहरी नीति से कभी भी बाज़ नहीं आने वाला है तभी उसने अकारण सांभा सेक्टर की पंसर चौकी पर भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर अनावश्यक रूप से सीमा सुरक्षा बल के जवानों को निशाना बनाकर गोलीबारी की. इस बात में अगर कुछ अलग तो तब होता जब पाक भारत के स्वतंत्रता दिवस पर आसानी से शांति रहने देता सुबह जिस तरह से उसके रेंजरों ने भारतीय बलों को मिठाइयाँ खिलाई और स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें दीं उसके बाद यह लगता था कि कम से कम १५ अगस्त को तो सीमा पर शांति ही रहेगी पर मीठी बातें करके पीछे से छुरा मारना पाकिस्तानियों की पुरानी आदत रही है इसलिए उससे कुछ अच्छे की आशा करना ही ग़लत है. जब से सीमा पर कांटेदार तार लगाये गए हैं और उनकी सख्त निगरानी शुरू कर दी गयी है तब से पाक से आने वाले घुसपैठियों और आतंकियों के लिए भारत में घुसना आसान नहीं रहा गया है इसलिए पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार पाक के रेंजर पहले सीमा पर विभिन्न स्थानों पर गोलियां चलाते हैं और भारतीय बलों का ध्यान बंटा कर घुसपैठ करवाने की कोशिश करते हैं.    
        सीमा पर अनावश्यक गोलीबारी रोकने के उद्देश्य से कई वर्ष पहले भारत-पाक के बीच सहमति बनी थी कि किसी भी ख़राब परिस्थिति में भी दोनों देशों के सुरक्षा बल आपस में बातचीत कर माहौल को सुधारने का काम करेंगें और इस पर ठीक ढंग से अमल भी किया जा रहा था पर इधर कुछ समय से पाक ने अपनी पुरानी आदत के अनुसार कई स्थानों पर गोलीबारी करने की रणनीति पर फिर से काम करना शुरू कर दिया है. इस वर्ष अभी तक ३१ बार संघर्ष विराम का उल्लंघन पाक द्वारा किया जा चुका है. जम्मू में ही सीमा पर अभी कुछ दिन पहले ही ज़मीन के काफी अन्दर एक सीमा पार करती हुई सुरंग मिली थी जिससे यह पता चलता है कि पाक ने अब भारत में घुसपैठियों और आतंकियों को भेजने के लिए अन्य मार्गों पर विचार करना शुरू कर दिया है क्योंकि उस सुरंग में जितने बड़े पैमाने पर काम हो रहा था वह बिना पाक सेना अधिकारियों के संभव हो ही नहीं सकता है. पाक सेना के लिए भारत से मिली बार बार कि हार भी उसके लिए नासूर से कम नहीं है और वह अपनी हर तरह की तैयारियों में भारत को हर स्तर पर नुक्सान पहुँचाने के बारे में ही सोचा करता है.
         देश की सीमा पर जब पाक जैसा पड़ोसी दुश्मन हो तो रक्षा सम्बन्धी तैयारियों के लिए और भी मेहनत करनी पड़ती है क्योंकि पता नहीं खुराफ़ाती दुश्मन कब क्या करने लगे ? सजग भारतीय सेनाओं में इतना दम है कि वे राजनीति में लगी हुई पाक सेना को हर मोर्चे पर हरा सकती हैं और साथ ही सीमाओं की निगरानी भी आराम से कर सकती है. पाक यह भूल जाता है कि भारत में वह जिस तरह से गड़बड़ी पैदा करने की हमेशा से ही कोशिश करता रहता हैं अगर वैसी ही नीति कभी भारत द्वारा अपना ली गयी तो पाक के लिए अपने वजूद को बचाना ही मुश्किल हो जायेगा फिर भी वह हमेशा भारत की शांतिप्रियता को उसकी कमज़ोरी मान लेता है और इसका खामियाज़ा वह कई बार भुगत भी चुका है. भारत के लिए पाकिस्तान से बिना बात उलझने के स्थान पर अन्य भी काम हैं जबकि पाक के अस्तित्व के लिए उसे भारत से निरंतर नए विवाद खड़े करने ही पड़ते हैं वर्ना वहां की अंदरूनी राजनीति वहां की सेना और राजनेताओं के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं.  
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

4 टिप्‍पणियां:

  1. वो भी न सुधरने वाले हैं, हम भी न सुधरने वाले|

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  2. बान हारे की बान न जाए ,कुत्ता मूते टांग उठाय ...भारत है ही एक नरम लक्ष्य /सोफ्ट स्टेट अमरीका में कोई दूसरा ९/११ करके दिखाए .क्या यही धर्म -निरपेक्षता है पाकिस्तान से पिटते रहो सहन शील बने रहो .

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  3. इफ्तारी कर पार्टी, बदहजमी हो जाए |
    इसीलिए वह बाद में, गोली भी भिजवाये |
    गोली भी भिजवाये, बड़ा उपकारी पाकी |
    गोली गाली गाय, गजब है उसकी माँ की |
    अगर इधर हथियार, उठे तो ऐसी तैसी |
    पर दिल्ली भरतार, हाय पानी में भैंसी ||

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  4. पाकिस्तान बाहर से कर रहा है
    भारत के अंदर के पाकिस्तान का
    कोई कुछ नहीं कर रहा है !!

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