tag:blogger.com,1999:blog-8033919830443655972.post1923461862568346204..comments2023-10-29T17:50:20.852+05:30Comments on सीधी खरी बात..: अनशन से कार्यवाही तकडॉ आशुतोष शुक्ल Dr Ashutosh Shukla http://www.blogger.com/profile/01387366020694951811noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8033919830443655972.post-74785177673077685182011-06-07T07:04:07.623+05:302011-06-07T07:04:07.623+05:30उत्कर्ष जी जितना आपको कष्ट हुआ उतना ही हर भारतीय क...उत्कर्ष जी जितना आपको कष्ट हुआ उतना ही हर भारतीय को हुआ पर आज जब सरकार ने यह कार्यवाही की है तो उसको सभी कोस रहे हैं पर किसी ने सरकार का पक्ष सोचने की कोशिश की है ? मेरे विचार से कहीं न कहीं यह आन्दोलन अपनी राह भटक गया आर बाबा जी को कुछ लोगों ने यह समझा दिया की आपको पीछे हटने की ज़रुरत नहीं है बस वहीं से सब गड़बड़ हो गयी. अगर बाबा जी ने संत धर्म का पालन किया होता तो शायद देश को राजनैतिक कुचक्र में फंसकर यह दिन नहीं देखने पड़ते ? क्या सरकार ने बाबा जी के शब्दों में उनकी ९९ % बातें नहीं मान ली थीं ? फिर क्या कारण था की बाबा जी ने उस समझौते से पीछे हटने का फैसला ले लिया ? जब तक बाबा जी संत थे तब तक सरकार ने उनका सम्मान किया पर जब उन्होंने राजनीतिकों की तरह से बोलना शुरू कर दिया तो सरकार ने उनसे भी किसी राजनैतिक विरोधी की तरह ही निपट लिया ? कुल मिलाकर इस सारे प्रकरण में देश का ही अहित हुआ मैंने आज इसी विषय पर लिखा है. मैं देश का समर्थक हूँ किसी सरकार या बाबा जी का नहीं और मेरे विचार से दोनों पक्षों के विचार रखना यहाँ पर महत्वपूर्ण था... आपके अमूल्य विचारों के लिए धन्यवाद... स्नेह बनाये रखियेडॉ आशुतोष शुक्ल Dr Ashutosh Shukla https://www.blogger.com/profile/01387366020694951811noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8033919830443655972.post-50240112073494447812011-06-06T13:08:30.508+05:302011-06-06T13:08:30.508+05:30डॉ. आशुतोष जी , मै आपके ब्लॉग का नियमीत पाठक हूँ औ...डॉ. आशुतोष जी , मै आपके ब्लॉग का नियमीत पाठक हूँ और आपके ब्लॉग की एक एक लाइन काफी गहरी और सच्ची होती है. पर आज आपने कहा की कारवाही पूरी तहर गलत नहीं थी ये पढ़ कर मुझे अच्छा नहीं लगा. यदि ये कारवाही आरक्षण मांगने वाले जो १५-२० दिनों तक ट्रेन और बस को रोके रखते है उन के लिए होती तो मुझे अफ़सोस नहीं होता .लेकिन उन पर तो सरकार के वोट होते है. इस कारवाही मै हमारे किसी को चोट नहीं लगी तो एसा लगा की कुछ नहीं हुआ लेकिन जो हुआ ह वो काफी दर्द देने वाला है . ये कारवाही उन पर हुई जो देश के लिए कुछ करना चाहते है. क्यों कभी अन्ना हजारे और रामदेव को लड़ना पद रहा है क्या सरकार की कोई जिम्मदारी नहीं है. और देखा जाये तो मुद्दा भी क्या था भ्रस्टाचार. लेकिन ऊपर से निचे और पक्ष से लेकर विपक्ष तक सब भ्रस्टाचारी है तो ये क्यों चाहेगे की एसा कानून आये जिस से इन पर अंकुश लगे. मुझे तो भारत सरकार से इसी आशा नहीं थी और मुझे कल काफी दुःख हुआ. हो सकता है मेरी सोच आप जितनी ऊँची न हो पर मुझे जो लगा मैंने कह दिया.<br />उत्कर्ष चौधरीUtkarshhttps://www.blogger.com/profile/03999807833091332668noreply@blogger.com