tag:blogger.com,1999:blog-8033919830443655972.post2741793971504795655..comments2023-10-29T17:50:20.852+05:30Comments on सीधी खरी बात..: दूसरा निक़ाह और सलाहडॉ आशुतोष शुक्ल Dr Ashutosh Shukla http://www.blogger.com/profile/01387366020694951811noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-8033919830443655972.post-7626414893184989002012-04-22T10:19:50.458+05:302012-04-22T10:19:50.458+05:30डा० साहब, लगता है आपको हर बात विस्तार में ही समझनी...डा० साहब, लगता है आपको हर बात विस्तार में ही समझनी पड़ेगी. क्या उस समय के युद्ध की विधवाएँ अभी भी बची हैं. और फिर दूसरी-तीसरी शादी क्या सिर्फ विधवाओं से ही की जाती है.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8033919830443655972.post-18717757181097659342012-04-13T13:21:03.701+05:302012-04-13T13:21:03.701+05:30अल्लाह ने विधवा और बेसहारा बनने के बाद यह हुक्म दि...अल्लाह ने विधवा और बेसहारा बनने के बाद यह हुक्म दिया? क्या ही अच्छा होता अगर विधवा और बेसहारा बनने के कारण रूप युद्ध न करने का हुक्म फरमा देते, न होता खून खराबा, न होते लोग बेसहारा। और न होती छूट, न होता छूट का दुरपयोग॥सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8033919830443655972.post-84295188077434892252012-04-13T01:15:30.684+05:302012-04-13T01:15:30.684+05:30...और न ही कहीं विधवाएं बची हैं ???
See
http://hin......और न ही कहीं विधवाएं बची हैं ???<br />See<br />http://hindi.in.com/latest-news/money-and-life/-1136942.htmlDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8033919830443655972.post-14136214423123388802012-04-13T01:06:29.046+05:302012-04-13T01:06:29.046+05:30यह अच्छी और अजब जानकारी है कि दुनिया में अब युद्ध ...यह अच्छी और अजब जानकारी है कि दुनिया में अब युद्ध नहीं हो रहे हैं ???DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8033919830443655972.post-31974625360716621152012-04-12T10:54:18.650+05:302012-04-12T10:54:18.650+05:30जब संविधान के जरिये ही छूट दे दी तो क्या कहा जाये....जब संविधान के जरिये ही छूट दे दी तो क्या कहा जाये. आस्ट्रेलिया से ही सबक ले लें. अब तो कोई युद्ध नहीं है न ही विधवायें बची हैं फिर अल्लाह की दी हुई छूट वापस होनी चाहिये.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8033919830443655972.post-80827068535767430652012-04-12T09:14:39.041+05:302012-04-12T09:14:39.041+05:30युद्ध के बाद जब बहुत सी औरतें विधवा और उनकी बेटिया...युद्ध के बाद जब बहुत सी औरतें विधवा और उनकी बेटियां बेसहारा हो गईं तो अल्लाह ने यह हुक्म दिया कि उन औरतों से और उनकी बेटियों से निकाह कर लो। ऐसे ही समय के लिए इस्लाम में बहु विवाह का प्रावधान है ताकि कोई औरत बेसहारा न रहे और उसे आर्थिक संबल के साथ मनोवैज्ञानिक रूप से भी संतुष्टि मिले।<br />समाज को बुराई और विखंडन से बचाने के लिए इससे अच्छा उपाय कोई और नहीं है।<br />क़ानून का मिसयूज़ करने वाले हमेशा ही होते हैं।<br />ऐसे लोगों के लिए सज़ा का प्रावधान भी है।<br />http://www.pyarimaan.blogspot.in/2012/04/blog-post_11.htmlDR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8033919830443655972.post-9453953509277090592012-04-12T08:08:43.768+05:302012-04-12T08:08:43.768+05:30इस्लाम में दूसरा,तीसरा और चौथा निकाह एक आदमी का हक...इस्लाम में दूसरा,तीसरा और चौथा निकाह एक आदमी का हक नहीं है। वह एक छूट मात्र है जिस के साथ शर्तें जुड़ी हुई हैं। ये शर्तें ऐसी हैं जिन्हें किसी हालत में पूरा नहीं किया जा सकता। इस तरह यह कहा जा सकता है कि इस्लाम में एक पत्नी के रहते दूसरा निकाह करना मना है। होना तो यह चाहिए कि एक समाजिक संस्था या न्यायिक निकाय बने जिस की इजाजत के बिना एक बीवी के रहते दूसरा निकाह करना अवैध माना जाए। यह संस्था दूसरे निकाह की इजाजत देने के पहले इस बात की जाँच करे कि क्या दूसरा निकाह करने वाला व्यक्ति दूसरे निकाह की शर्तों को पूरा करने में सक्षम है भी या नहीं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com