मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

मंगलवार, 28 सितंबर 2010

दिल्ली में हो हो...


राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कई चीज़ें उपलब्ध करने के सरकारी फैसले के तहत "हॉप ऑन हॉप ऑफ़" यानि "हो-हो" बस सेवा का सञ्चालन दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने अपने निवास से हरी झंडी दिखाकर किया. वैसे तो किसी भी विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में हर देश को बहुत तैयारी करनी पड़ती है तब जाकर ये आयोजन सफलता पूर्वक किये जा सकते हैं. इस खास बस सेवा का उद्देश्य दिल्ली आने वाले पर्यटकों को कम पैसों में अच्छी सेवा उपलब्ध करने की मंशा भी छिपी हुई है. अभी तक दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन का कोई ऐसा साधन नहीं था जो वहां की यात्रा करने वाले पर्यटकों को कोई ऐसी सेवा दे सकें जिससे वे अपनी सुविधा के अनुसार घूम सकें.
       इस सेवा में २८ से ३० सितम्बर तक वरिष्ठ नागरिकों और कमज़ोर तबके के बच्चों को मुफ्त में दिल्ली की सैर करायी जाएगी और आम नागरिक १ अक्टूबर से इस सेवा का मज़ा उठा सकेंगें. इस बस सेवा की खास बात यह भी है कि यह अगले १० साल तक सुबह ८ से शाम ८ तक उपलब्ध रहेगी और इसका किराया बड़ों के लिए ३०० रु० और बच्चों के लिए १५० रु० होगा. इसके मार्ग में पड़ने वाले किसी भी स्थान पर उतर कर पर्यटक अपनी सुविधा के अनुसार वह जगह कितनी भी देर तक देख सकते हैं अभी तक इस तरह के किसी भी पैकेज में एक निश्चित समय में वह स्थान घूमने की पाबन्दी होती है जो इस सेवा में नहीं रहेगी. इस तरह की विश्व स्तरीय सेवा का शुरू किया जाना देश में वास्तव में बहुत अच्छा है क्योंकि कई बार पर्यटक किसी एक स्थान पर अपनी रूचि के अनुसार काफी देर तक रुकना चाहते हैं और उनके पास एक बंधा हुआ समय होता है जिससे वे मन भर कर अपनी मन पसंद जगह को नहीं देख पाते हैं.
          
निश्चित तौर पर यह सेवा पर्यटकों के लिए एक नया आयाम खोल देगी पर इसमें यात्रा करने वाले विदेश और देशी पर्यटकों की सुरक्षा के बारे में भी दिल्ली सरकार को गंभीरता से सोचना होगा क्योंकि ३०० रु० खर्च करके कितने भारतीय दिल्ली देखेंगें ? इस सेवा का वास्तविक उपयोग विदेशी सैलानी ही करेंगें और उस स्थिति में उनकी सुरक्षा करना हमारा बहुत बड़ा दायित्व बन जाता है. ऐसा नहीं है कि आज दिल्ली जाने वाले हर विदेशी को सुरक्षा दी जाती है फिर भी सरकारी स्तर से चलायी जाने वाली किसी भी सेवा पर हमेशा ही सुरक्षा सम्बन्धी चिंताएं मंडराती रहती हैं ? आशा है कि यह सेवा दिल्ली के लोगों और दिल्ली आने वाले पर्यटकों के लिए एक सुखद हवा के झोंकें की  तरह होगी..    

मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

3 टिप्‍पणियां:

  1. हम भी आने वाले हैं जरा देर से मगर...हो हो तो कर ही सकते हैं. :)

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत अच्छी जानकारी दी आपने हो-हो सेवा के बारे में.

    जवाब देंहटाएं
  3. Any how good wishes to common wealth games for not to happen any disaster during the game..

    जवाब देंहटाएं