देश की सर्वोच्च ख़ुफ़िया संस्था सीबीआई की वेबसाइट का पाकिस्तानी हैकरों द्वारा हैक किया जाना देश की साइबर सुरक्षा के बारे में कई सवाल खड़े करता है. आज जब पूरी दुनिया में भारतीय मेधा कंप्यूटर प्रोग्राम बनाने में सबसे सक्षम साबित हो रही है ऐसे में हमारी अपनी देश की सुरक्षा से जुड़ी बहुत सारी जानकारियां रखने वाली वेबसाइटस किस तरह से असुरक्षित हैं इस बात का पता पाक के कुछ हैकरों द्वारा दे दिया गया है. आख़िर क्या कारण है की बहुत सारे ऐसे मसले जिन पर हमें बहुत जल्दी और सही निर्णय लेने की आवश्यकता होती है वहां पर हमारे तंत्र की नाकामी हमेशा ही सामने आ जाती है ?
जिस तरह से कुछ भारतीयों द्वारा पाक की वेबसाइट को हैक किया जाता रहा है उससे तो यही लगता है कि आने वाले समय में यह सब बहुत आगे तक जाने वाला है क्योंकि अब भारतीय खेमा भी चुप नहीं बैठने वाला है ? वैसे तो किसी देश विशेष की वेबसाइट को हैक करने से कोई खास मतलब हल नहीं होता है उसका मतलब केवल यह दिखाना होता है कि हम सब कुछ कर सकते हैं पर जब बात भारत और पाक के सन्दर्भ में हो तो पूरा मसला ही दूसरा हो जाता है, दोनों ही देश एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोई भी कोशिश कभी भी नहीं छोड़ते हैं और हमेशा चिढाने वाली हरकतें पाक की तरफ़ से ही शुरू होती हैं और आगे चलकर वे इस स्तर तक पहुँच जाती हैं .
इस सारे मसले के बाद यह प्रश्न उठना स्वाभाविक ही है कि क्या हमारे प्रतिष्ठान पूरी तरह से सुरक्षित हैं ? और अगर ये सुरक्षित नहीं हैं तो इनको सुरक्षित करने की दिशा में सरकार और क्या कदम उठाने जा रही है ? अब समय है कि इस दिशा में पूरी तरह से ठोस कदम उठाये जाएँ जिससे आगे चलकर इस तरह की घटनाएँ रोकी जा सकें. कुछ ख़ुफ़िया एजेंसियों ने इस बात के बारे में चेतावनी जारी भी की थी कि आने वाले समय में इस तरह की कोशिश पाक समर्थित हैकर कर सकते हैं फिर भी पता नहीं क्यों इनको सुरक्षित करने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाने में ढील क्यों दी गयी ? अब इसे चेतावनी मानकर आगे के किये चेत जाने में ही भलाई है क्योंकि अभी तक यह सारा कुछ हैक करने तक ही सीमित है.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
यहां सब कुछ फर्क नीचे ही पड़ता है, ऊपर वालों के लिये कुछ नहीं..
जवाब देंहटाएंइस सारे मसले के बाद यह प्रश्न उठना स्वाभाविक ही है कि क्या हमारे प्रतिष्ठान पूरी तरह से सुरक्षित हैं
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