मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2009

आतंकी मनसूबे

जिस तरह से कल पाक में आतंकियों ने फिर से पुलिस को निशान बनाया है उससे उनके दुस्साहस के बारे में ही पता चलता है। आज जब पूरी दुनिया आतंकी की आंच से झुलस रहा है तो पता नहीं क्यों पाकिस्तान अपने यहाँ पर प्रशिक्षित आतंकियों के खतरे को महसूस करने से कतरा रहा है। आतंक के कोई नियम नहीं होते और साथ ही आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता। उनको तो सिर्फ़ अराजकता फैला कर अपनी बात को आगे रखना है। उनकी किसी भी विचारधारा का समर्थन नहीं किया जाना चाहिए। आज जब आतंक का यह सांप पाक को ही डस रहा है तो किसी भी स्तर पर पाक को यह समझ में नहीं आ रहा है की अब तो आतंकियों को धर्म के नाम पर समर्थन बंद किया जाना चाहिए। जो आतंकी पाक फौज ने बाकि दुनिया के लिए तैयार किए थे आज वे सभी अपनी बंदूकें पाक की तरफ़ घुमा चुके हैं क्योंकि मुंबई हमलों के बाद भारत के पाक पर डाले गए दबाव के कारण वहां पर आधे मन से ही सही कुछ आतंकियों के खिलाफ कार्यवाई की गई थी जिससे चिढ़ कर ये आतंकी अब अपने आका को ही आँखें दिखाने में लग गए हैं। यह तो समझा ही जा सकता है कि इन आतंकियों को समर्थन का मूल्य पाक को अब चुकाना पड़ रहा है। फिल हाल देश में त्योहारों के मौसम को देखते हुए हम सभी को बहुत ही सतर्क रहने की आवश्यकता है क्योंकि आतंक फैलाने के लिए ये आतंकी यहाँ भी कुछ गड़बडी करने की कोशिश तो कर ही सकते हैं।
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