मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

गुरुवार, 31 दिसंबर 2009

एक और वर्ष बीता .....

 आज सूरज ढलने के साथ ही वर्ष २००९ का भी अंत हो गया वैसे तो इसको बाकायदा रात १२ बजे विदाई देकर २०१० का स्वागत पूरी दुनिया में किया जायेगा पर हम सब के सामने यह विचार करने लायक तो है ही कि इस वर्ष ने हमें क्या दिया है ? यदि देश के लिए देखा जाये तो यह वर्ष मिली जुली चीज़ें लेकर आया. आज के समय में विश्व के सामने जिस तरह से आतंक का खतरा मंडरा रहा है उसको देखते हुए आज शाम तक २००९ ने कोई घाव नहीं दिया अब इसके लिए कुछ सरकारी मुस्तैदी का भी असर हो सकता है पर अभी भी जितना कुछ किया जाना चाहिए नहीं किया जा सका है. देश ने निश्चित तौर पर बहुत सी उपलब्धियां हासिल की हैं.  पर सबसे बड़ी उपलब्धि राजनैतिक स्तर पर केंद्र में एक स्थिर सरकार रही जो किसी बड़ी बैसाखी पर नहीं टिकी है जिसका सीधा असर देश के लिए योजनायें बनाने में आसानी के रूप में दिखाई देता है. देश में एन एस जी के भी दो केंद्र शुरू हो गए हैं और जल्दी ही एक और शुरू हो जायेगा. वैश्विक मंदी का असर कुछ हद तक भारत पर भी पड़ा पर उतना नहीं जितना अन्य पश्चिमी देशों पर. देश की अन्य समस्याओं में भी कुछ खास तो नहीं किया जा सका पर कुछ हद तक मंहगाई को छोड़कर सभी बातों को नियंत्रण में रखा जा सका है. फिर भी पुराने से कोई शिकायत नहीं पर नए के स्वागत में नयी उम्मीदों के साथ सभी को नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें...   

मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

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