मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

बुधवार, 13 जुलाई 2011

दुनियादारी

दर्द सीने का अभी, चेहरे पे आ जाता है !
वक्त के साथ हुनर, उसमें भी आ जायेगा !!

जो बस सबकी ख़ुशी, के लिए ही जीता है !
मौत के बाद वही, सबको रुला जायेगा !!

साथ रहने की क़सम, रात दिन जो खाता है !
क्या पता एक रोज़, वो भी बदल जायेगा  !!

छिपकर के किसी रोज़, कहीं दांव खेलता है !
जीती बाज़ी कोई वो, फिर से हार जायेगा !

आज वो फिर से मुसीबत में घिरा लगता है !
वाकई कौन सगा है,  पता चल जायेगा... !!


मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

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