मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

बुधवार, 27 जनवरी 2010

कश्मीर में तिरंगा...

कश्मीर घाटी में कल जिस तरह से बिना किसी ठोस कारण के लाल चौक में राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया गया उस बात को केवल सुरक्षा का मामला नहीं कहा जा सकता है. राष्ट्रीय ध्वज के साथ सम्मान की बात जुडी है, जब सारा लाल चौक ही सुरक्षा बलों के कब्ज़े में था तो कैसे कोई वहां पर झंडा फहराना भूल सकता है ? क्या इसके पीछे किसी ने कोई आदेश दिया था ? या इस बात के लिए ज़िम्मेदार लोगों को यह ध्यान ही नहीं रहा ? इस बात को देखा जाये तो कुछ लोग इसे साधारण ही मान लेंगें पर यह बात इतनी सामान्य भी नहीं है. सेना के स्तर पर इतनी बड़ी चूक नहीं हो सकती है क्योंकि जिस कश्मीर में शांति के लिए सेना इतनी कुर्बानी दे रही हो उसके लिए वहां पर तिरंगा लगाना भी एक प्रतिष्ठा और संतोष कि बात हमेशा से ही रहा है. इस बात पर पूरी तरह से जांच होनी चाहिए कि क्यों इस तरह की हरकत की गयी कौन लोग हैं जो पग पग पर भारत सरकार को नीचा दिखाने के लिए प्रयासरत हैं ?
अभी पाक के पूर्व वायु सेनाध्यक्ष का मामला शांत भी नहीं हो पाया था और यह घटना हो गयी. इस मामले में सरकार अपनी ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकती, पाक से हर बात पर बात करते समय हम यह कहना नहीं भूलते कि कश्मीर भारत का है और इस पर कोई बात नहीं हो सकती है पर अपने ही स्वतंत्रता दिवस पर हम यह कैसे भूल जाते हैं कि हमें उसी कश्मीर में तिरंगा भी लगाना है ? अब लगता है कि प्रधान मंत्री कार्यालय को इस मामले में भी देश से माफ़ी मांगनी होगी. देश में बहुत सारे झगड़े हैं पर कश्मीर भावना का मुद्दा है और कोई भी सच्चा भारतीय अपने इस सम्मान पर ठेस नहीं बर्दाश्त करना चाहता है. अच्छा हो कि सरकार कोई भी कु-तर्क देने के स्थान पर चुपचाप इसे ग़लती माने और यह भी देखे कि लाल चौक पर कौन से बल तैनात थे और किस तरह से वे इतनी महत्वपूर्ण बात को भूल गए ? ऐसे समाचार गणतंत्र दिवस के उत्साह को ठंडा कर देते हैं और लगता है कि कुछ तत्व ऐसे भी हैं जो हर पल भारतीय आत्म सम्मान को ठेस पहुँचाने में ही लगे हुए हैं... `फिल हल इस तरह की घटना ने बिना वजह ही एक ऐसा मामला उठा दिया जो मामला था ही नहीं अब कुछ लोग इस पर राजनीति भी करेगें और सरकार अपनी तरफ से खोखली सफाई देने का प्रयास भी करती रहेगी. अच्छा हो कि राष्ट्रीय सम्मान से जुड़े मुद्दों पर कोई राजनीति न हो और सरकारें भी इस बात पर ध्यान दें कि भविष्य में फिर ऐसा कुछ न हो...


मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

4 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छा हो कि राष्ट्रीय सम्मान से जुड़े मुद्दों पर कोई राजनीति न हो और सरकारें भी इस बात पर ध्यान दें कि भविष्य में फिर ऐसा कुछ न हो...

    -सही कहा आपने!!

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  2. बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी ने जब लाल चौक पर तिरंगा फेहराया था तब कांग्रेस नेता उसे ड्रामा बता रहे थे आज कश्मीर में कांग्रेस की सरकार है फिर भी लाल चौक पर तिरंगा ना फेहराया जाना सैनिको का मनोबल गिराने जैसा है यह सरकार अरबो रूपए के बैंक घोटाले में शामिल चटवाल को पदम् विभूषण दे रही है विज्ञापनों पर पाकिस्तानी जनरलों के फोटो लगाये जा रहे है लाल चौक पर तिरंगा ना फेहराना दुर्भाग्य पूर्ण घटना है इसकी जितनी निंदा हो कम है

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  3. आपका पोस्ट पढ़कर तो आनन्द आ गया!
    इसे चर्चा मंच में भी स्थान मिला है!
    http://charchamanch.blogspot.com/2010/01/blog-post_28.html

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