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शनिवार, 10 जनवरी 2009

सरकारी गुंडई में पुलिस परेशान....

उत्तर प्रदेश सरकार चाहे जो भी कहती रहे पर उसकी कथनी और करनी में बहूत बड़ा अन्तर है. सीतापुर जनपद की एक घटना ने फिर से यह बात साबित ही कर दी है. नगर के सी ओ सिटी का तबादला मात्र इस बात पर कर दिया गया की हरगांव के विधायक / मंत्री रामहेत भारती के पी आर ओ की कोतवाली में की गई गुंडई पर पुलिस ने एक्शन ले लिया और उनकी वहीं पर पिटाई भी की तथा मंत्री महोदय के एक रिश्तेदार जो टैक्सी स्टैंड पर गुंडई करते पकड़े गए वो भी पुलिस के हत्थे चढ़ गए बस यही बात मंत्री को नागवार गुजरी और संजय सागर का तबादला लखनऊ कर दिया गया. एक ओर प्रदेश की मुखिया गुंडों की "छातियों पर चढ़ने" का स्वांग करती है और यहाँ तो "गुंडे" पुलिस की छाती पर ही चढे जा रहे हैं. पता नहीं किस तरह से यहाँ का शासन काम कर रहा है कि नेता तो वसूली में लगे हैं और काननों का मुद्दा बनाकर प्रशासन को ही परेशान किया जा रहा है. प्रदेश में अगर गुंडे हावी हैं तो उसके लिए ये नेता ही दोषी हैं और हर नेता का काम गुंडों के बिना नहीं चलता तो बस कोई भी गुंडई पर बोलने को तैयार नहीं दिखता. सीतापुर की यह घटना चीख-चीख कर बता रही है कि किस तरह से कानून व्यवस्था को लागू कराने में प्रदेश सरकार तत्पर है. अब यह तो तय ही है कि मुखिया को जन्मदिन पर मिठाई खिलने वाला महानिदेशक तो चाहिए पर जनता की समस्याएं दूर करने वाला सी ओ नहीं.....

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