मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

सोमवार, 13 जुलाई 2009

मेट्रो की शान श्रीधरन

कल हुए मेट्रो हादसे में जिस तत्परता से इसके प्रमुख ई श्रीधरन ने अपना त्यागपत्र दिया वह उनके समर्पण और उत्तरदायित्व स्वीकार करने के जज़्बे को ही प्रर्दशित करता है। हादसे के समय वे बंगलुरु में थे और उन्होंने तुंरत ही दिल्ली आने का फ़ैसला किया। यह सही है की मेट्रो के प्रमुख होने के कारण उनकी ज़िम्मेदारी तो बनती ही है पर किसी दुर्घटना के कारण उनके जैसे उच्च स्तर के अधिकारी को बाहर का रास्ता नहीं दिखाया जा सकता। दिल्ली सरकार ने जिस तत्परता से उनके इस्तीफे को नामंजूर कर दिया उसकी तो अपेक्षा ही थी पर साथ ही उनके मेट्रो में बने रहने से यह भी तय है कि इस हादसे की ठीक से जांच होगी और भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिए मेट्रो के पास एक परियोजना भी होगी। दिल्ली मेट्रो आज केवल दिल्ली में ही नहीं बल्कि कई अन्य शहरों का काया कल्प करने में जुड़ी है तथा श्रीधरन ही उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हो सकता है कि मेट्रो के स्तर से ही कोई चूक हो गई हो पर इस शानदार और गौरवशाली परियोजना के आज तक के इतिहास को देखते हुए इस दुर्घटना से सबक लेने की ज़रूरत अधिक है। संस्थाएं तो चलती रहती हैं पर उनके मुखिया के बदलने से कार्य संस्कृति में बहुत बड़ा अन्तर दिखाई देने लगता है। इस समय इस परियोजना पर काम करते हुए जिन लोगों ने अपनी जान लगा दी है उनके परिवार के भरण पोषण के ठोस उपाय किए जाने चाहिए साथ ही कुछ ऐसा प्रबंध भी किया जाना चाहिए कि इन लोगों को सहायता सही रूप में मिलती रहे। दिल्ली कि शान है मेट्रो और जिस आयु में इसके प्रमुख ऊर्जा से भरे हुए काम में तल्लीन रहते हैं वह अनुकरणीय है । देश हित में तथा नए लोगों को सही दिशा में ठीक से काम करने की शिक्षा के लिए अभी श्रीधरन की बहुत आवश्यकता है। अच्छा हो कि इस मुद्दे पर कोई राजनीति न हो और पीड़ितों को मदद मिले। नेताओं में भावनाएं मर चुकी होती हैं पर श्रीधरन की भावनाएं जिंदा हैं तभी तो उनको यह हादसा हिला गया है। आज के बाद आशा है कि मेट्रो से जुडा हर व्यक्ति सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करेगा तभी इस परियोजना के माध्यम से हम दुनिया को दिखा सकेंगें कि हम सब कुछ करने में सक्षम हैं.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

4 टिप्‍पणियां:

  1. जिम्मेवारी का एहसास और योग्यता की पहचान - दोनो सराहनीय।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  2. हर जगह सुरक्षा मानको के पालन को सबसे मुख्‍य वरीयता मिलनी चाहिए !!

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  3. श्रीधरनजी जैसे समर्पित इन्सान पर सच मे ही राजनीति नहीं होनी चाहिये मे्री भी हर हर धडकन भारत के लिये आभार्

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