देश में जहाँ एक ओर भोजन की ही कमी दिखाई देती है वहां पर भोजन मन्त्र को लेकर मध्य प्रदेश में जिस तरह से हल्ला मचा हुआ है वह निस्संदेह दुर्भाग्य पूर्ण है। आज हर बात पर अजीब तरह से प्रतिक्रिया देने की एक कोशिश की जाने लगी है जिसमें मीडिया का भी बहुत योगदान है। लोग सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए क्या क्या करते रहते हैं ? भोजन करने से पहले ईश्वर को याद करने में कोई बुराई नहीं है पर जब यह काम भाजपा की सरकार करती है और एक प्रार्थना को मन्त्र का रूप दिया जाता है बस तभी से कुछ लोग झंडा उठाकर आगे आने को बेताब हो जाते हैं। अच्छा हो कि इस तरह के फैसले एकदम से लागू करने के बजाय सभी दलों से विचार कर धार्मिक गुरुओं की सहमति प्राप्त करने के बाद ही आने चाहिए किसी भी रूप में ईश्वर को याद करने में कोई बुराई नहीं है पर किसी विशेष रूप में इसे लागू करने से अनावश्यक बवाल होता है.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
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