मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

शुक्रवार, 24 जुलाई 2009

पंचायत के फरमान..

अपनी सामाजिक समझ और फैसले के लिए हमेशा ही विवादित रहने वाली एक और घटना ने हरियाणा में एक और युवक को मौत की नींद सुला दिया और यह घटना तब हुई जब पुलिस वेदपाल को लेकर उसकी ससुराल से उसकी बीवी सोनिया को विदा कराने गई थी। गोत्र का विवाद कितनी आसानी से किसी की जान सिर्फ़ इसलिए ही ले लेता है क्योंकि उसने किसी मान्यता का उल्लंघन किया। वेदपाल का कसूर सिर्फ़ इतना ही तो था की वह सोनिया के साथ ही रहना चाहता था। अब यह देखना है कि जींद पुलिस जो कि पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय के एक आदेश के अनुपालन में वेदपाल को लेकर सिंहवाला गाँव गई थी इस घटना में क्या बहाने बाज़ी करती है क्योंकि पुलिस के पास तो हर मामले का तोड़ मौजूद रहता है ? जब मामला इतना संवेदन शील था तो पुलिस ने इतनी लापरवाही कैसे बरती कि वेदपाल की जान ही चली गई ? आज देश में इस तरह से अपने आप ही कानून को हाथ में लेने की घटनाएँ तेज़ी से बढती जा रही हैं यहाँ तक न्यायालय के आदेशों का अनुपालन किस तरह से कराया जा रहा है यह भी चिंता का विषय है। गोत्र एक स्थापित मानी परम्परा है जिसका सभी को पालन करना चाहिए और खास तौर पर वहां जहाँ इसका बहुत ध्यान रखा जाता है। वैज्ञानिक आधार पर भी समान गोत्र के लोगों के परिवार कहीं न कहीं से आपस में जुड़े होते हैं और एक ही परिवार में शादियाँ होने से आनुवांशिक रोगों के बहुत ज़्यादा बढ़ने की सम्भावना होती है। परन्तु आजकल जिस तरह से पढ़े लिखे युवक युवती इस परम्परा का उल्लंघन कर रहे हैं वह तो यही बताता है कि इस के पीछे छिपे हुए वैज्ञानिक आधार का प्रचार-प्रसार नहीं किया जाता है। पंचायतें बहुत आसानी से किसी को कोई हुक्म सुना देती हैं पर जब बात गोत्र की शादियों की होती है तो वे समाज को जागरूक करने के लिए क्या करती हैं यह हम सभी जानते हैं ? आज समय है कि इन बातों को वैज्ञानिक आधार पर समझाया जाए न कि केवल गोत्र खाप के आधार पर क्योंकि जब बात प्रेमियों के बीच की होती है तो वे बहुत आसानी से बगावत पर उतर आते हैं। और हम सभी जानते हैं कि बगावतें अधिकतर रिसती हुई संवेदनाएं छोड़ जाती हैं। आज बड़ों को भी समझना होगा कि बच्चे इन बातों की बुराइयों को समझें और बच्चों को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि पूरे क्षेत्र में तनाव फैलाने वाले इस तरह के कामों से दूर ही रहें।
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

4 टिप्‍पणियां:

  1. सब अपनी टीआरपी के पीछे पड़े हैं उन्हें इस गोत्र प्रकरण में वैज्ञानिक आधार से कुछ लेना देना नहीं है।

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  2. एसी पंचायतों को समुचित सजाएं देने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.

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  3. गोत्र का वैज्ञानिक आधार तो था .. पर इतनी पीढी व्‍यतीत होने के बाद अब यह इतना बडा मुद्दा नहीं है कि किसी की जान ले ली जाए !!

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  4. dukhad hai
    atyant dukhad hai ye ghatnaa
    __________kaarrvaahi honi hi chahiye !

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