कल से जिस तरह से आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री का विमान लापता हो गया है वह निश्चित ही चिंता की बात है। वैसे तो हवाई दुर्घटना या यों कहें कि दुर्घटना कभी भी पता नहीं होती पर देश में जिस तरह से तरह तरह के खतरे बढ़ते ही जा रहे हैं उसमें विशिष्ट लोगों की सुरक्षा के बारे में फिर से विचार किए जाने की आवश्यकता है। जब ये अति विशिष्ट लोग ज़मीन पर होते हैं तो उनकी सुरक्षा का ताम झाम आम आदमी के लिए परेशानी ही खड़ी करता है। पर जब वे वायु मार्ग से जा रहे होते हैं तो उनकी सुरक्षा राम भरोसे ही होती है। एक नक्सल प्रभावित राज्य के मुख्यमंत्री किस तरह से बिना उचित संचार माध्यमों के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जा रहे थे ? आज जब हम देख चुके हैं कि आतंकी तक आधुनिक सूचना तंत्र का उपयोग कर रहे हैं तो ऐसे में मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा के लिए क्या कुछ अधिक साधन नहीं होने चाहिए ? हो सकता है कि कोई दुर्घटना हुई हो या आपात स्थिति में कहीं विमान उतारते समय ऐसी खराबी आ गई हो कि संचार के मध्यम बंद हो गए हों । इस तरह की घटनाओं में देश ने संजय गाँधी, माधव राव सिंधिया, बालयोगी और ॐ प्रकाश जिंदल जैसे लोगो को हमसे छीना है फिर भी हम आज तक कुछ ठोस नहीं कर पाए हैं कि इस तरह के हादसों से निपटने में कुछ और आगे की रणनीति बना सकें। अभी तो हम सभी केवल प्रार्थना ही कर सकते हैं कि रेड्डी सुरक्षित हो और ईश्वर उनके परिवार इस परिस्थिति से निपटने का साहस प्रदान करे।
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
हम सभी केवल प्रार्थना ही कर सकते हैं कि रेड्डी सुरक्षित हो और ईश्वर उनके परिवार इस परिस्थिति से निपटने का साहस प्रदान करे।
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