मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

शनिवार, 19 सितंबर 2009

अब बांग्लादेश भी ?

पाक और चीन के बाद अब बांग्लादेश से भी घुसपैठ की घटनाओं में तेज़ी आने से ऐसा लगता है कि सारे पड़ोसी देश भारत के खिलाफ एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। अभी ताज़ा घटना में मेघालय की सीमा में जिस तरह से नदी के माध्यम से घुसपैठ का प्रयास किया जा रहा है वह निश्चित तौर पर बहुत ही गंभीर है। हम सभी जानते हैं कि पाक और बांग्लादेश कभी भारत का हिस्सा थे और इनके बँटवारे के समय नदियों आदि को ही सीमा के रूप में मान लिया गया था। अब किसी भी नदी पर पूरी तरह से नज़र नहीं रखी जा सकती और वह भी उस स्थिति में जब पड़ोसी की नियति ही ठीक न हो ? आज आवश्यकता इस बात की है कि सीमाओं पर पूरी चौकसी बरती जाए। यह भी सम्भव नहीं है कि कोई देश जिसकी भौगोलिक सीमा भारत जैसी हो अपने आप को पूरी तरह से सुरक्षित कर सके। हाँ इन इलाकों में लोगों को सही ढंग से परिचय पत्र दिए जायें तथा यहाँ के नागरिक भी इस बात को माने कि जब भी उनसे यह पत्र मांगें जाए तो वे इन्हें दिखाने की आदत भी डालें। सीमा क्षेत्र के नागरिकों को इस बात के लिए सरकार और पुलिस का साथ देना होगा तभी वे अपने को सुरक्षित कर पायेंगें। आज कुछ भी कहना बहुत आसान है पर जब उस पर अमल किया जाना होता है तो कुछ सही दिशा में होता नहीं दिखाई देता है। देश में हर जगह व्याप्त भ्रष्टाचार ने देश को संकट में डालने में कोई कसर नहीं छोड़ी है और ऊपर से राजनैतिक दलों के वोटों का लालच भी देश को गंभीर संकट की ओर धकेल रहा है । जो प्रपत्र देश में पहचान के लिए जारी किए जाते हैं उनको दोबारा से चेक करने के लिए हमारे यहाँ कोई तंत्र है ही नहीं जो देख सके कि इस स्तर पर कितना ग़लत किया जा रहा है ? आज छोटी सी लगने वाली ये बातें जब समस्या का रूप ले लेती हैं तो सरकारें भी वोट खोने के डर से देश पर अपने हितों को वरीयता देने लगती है। अब हमें इस तरह के दलदल से निकलना ही होगा तभी देश सुरक्षित हो पायेगा।


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