मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

सोमवार, 28 सितंबर 2009

आतंक ??

कल जिस तरह से पाक से बात चीत के दौरान विदेश मंत्री कृष्ण ने यह कहा कि आतंक पर ही पहले बात करके आगे की बातों पर विचार किया जा सकता है वह निश्चित ही एक सही कदम है. सारी दुनिया जानती है कि आज के समय में आतंक को सबसे ज्यादा पनाह पाक ही दे रहा है फिर भी कुछ अपने हितों के कारण अमेरिका और अन्य  कुछ देश इस सत्य की अनदेखी करते रहते हैं. आज जब मुंबई हमले में पाक के शामिल होने की बात भी प्रमाणित हो चुकी है तो किसी भी स्तर पर पाक कैसे सुबूत मांग सकता है ? दुनिया को यह समझना ही होगा कि एक हाथ से ताली नहीं बजती है अगर किसी स्तर पर आतंक का खात्मा  करना ही है तो सबसे पहले पाक को सीधे शब्दों में समझाना होगा कि अब आतंक पर दोहरी नीति नहीं चलने वाली है. अब पाक को ही यह तय करने दिया जाना चाहिए कि अब वह आतंक के साथ है या उसके खिलाफ ? आज जब हर तरफ से आतंक के तार घूम कर पाक की तरफ ही जाते हैं तब भी पाक के खिलाफ पश्चिमी देश चुप ही  रहना पसंद करते हैं ? लगता है जब इस आतंक की आंच इन देशों को नहीं झुलसाएगी तब तक ये अपनी नीति में बदलाव नहीं करेंगें.

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