मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

मंगलवार, 27 अक्तूबर 2009

निरंतरता का संदेश..

कांग्रेस ने एक बार फिर से तीन राज्यों में हुए चुनावों में अपने पुराने नेताओं पर विश्वास जताते हुए उनको सत्ता दे दी है। यदि एक बार में देखा जाए तो इसे इन क्षत्रपों की आलाकमान से नजदीकी की बात भी सामने आती है पर साथ ही यह भी दिखाई देता है कि यदि जुट कर जनता के लिए कुछ करने का जज्बा हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं होता और पुराने इतिहास को देखें कि जनता हर ५ साल में सरकार बदल देती है वह भी आज के समय में ठीक नहीं लगता। चुनाव विश्लेषक चाहे जो कहें पर जनता पूरी तरह से परिपक्व है और उसे पता है कि कौन काम कर सकता है और कौन नहीं ? इस बारे में किसी को भी जनता पर ऊँगली उठाने का हक नहीं है। पिछले कुछ चुनावों पर नज़र डालें तो यह पता चलता है कि जिस सरकार ने ठीक से काम किया है जनता ने उसे हमेशा ही अवसर दिया है। हाँ कुछ मामलों में पार्टी की कमजोरी ने कहीं कहीं पर पार्टी को हार दिखा दी है। कांग्रेस ने जिस तरह से मनमोहन सिंह को प्रधान मंत्री के रूप में प्रस्तुत किया था और चुनावों में उल्लेखनीय सफलता मिलने पर उनको ही देश चलाने के लिए आगे किया वह इस बात के संकेत देती है कि अच्छा काम करने वालों के लिए काम करने के अवसर सदैव ही दिए जाने चाहिए। हरियाणा में हुड्डा ने अपनी पार्टी में ही विरोधियों की एक बड़ी फौज तैयार कर ली है जिसके चलते ही वहां पर कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे कमज़ोर रहा है। अब आशा की जानी चाहिए कि हरियाणा के हितों को ध्यान में रखते हुए हुड्डा पार्टी और सरकार में बेहतर समन्वय स्थापित करने में सफल हो सकेंगें। इस बारे में स्थिर सरकारें देने के लिए मज़बूत नेतृत्व का होना आवश्यक है पर यह मज़बूत नेतृत्व कहीं निरंकुश न हो जाए इस बात पर भी पार्टी को नज़र रखनी चाहिए ताकि प्रदेश और देश के विकास में कहीं से भी रूकावट न आने पाए।

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