विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर ने यह कह कर बिल्कुल ठीक ही किया कि जब तक भारत के सर पर बन्दूक तनी है तब तक किस तरह से बात चीत की शुरुआत की जा सकती है ? पाक की शुरू से ही यह नीति रही है कि वह अपने को बहुत पाक साफ दिखाने का प्रयास करता है और अपनी ग़लतियों की सज़ा भी भारत को देना चाहता है। फिलहाल जिस तरह का माहौल बन रहा है उससे तो यही होने वाला है कि कोई बातचीत नहीं शुरू होगी केवल बयान बाज़ी ही चलती रहेगी। भारत में भी पाक की तरह की सोच रखने वालों की कमी नहीं है जो पाक का अस्तित्व मिटा देने की बात करते रहते हैं। कोई भी देश आज के समय में इस तरह की हरकतें नहीं कर सकता है हाँ इतना अवश्य है कि पाक जैसे देश आतंकियों को पनाह देकर आज ख़ुद ही तबाही की कगार पर पहुंचा चुके हैं। बात शुरू करने का दबाव भारत पर क्यों हो ? पाक को इसके लिए माहौल बनाने का प्रयास करना चाहिए। जब तक कुछ सही दिशा में पाक नहीं करता है तब तक कोई मतलब नहीं है कि मेज़ पर बैठा जाए। यह सही है कि सभी नागरिक सुरक्षा चाहते हैं पर पाक के मामले में भारत का आम नागरिक बहुत ही संवेदनशील है कोई भी बात उसे बुरी लग जाती है, इसलिए चाहकर भी सरकारें कई बार जन भावनाओं को देखते हुए कुछ कदम नहीं उठा पाती हैं। सबसे पहले पाक को दिखावे कि नौटंकी छोड़ कर कुछ ठोस करना होगा जिससे समय रहते सही दिशा में बात शुरू हो सकें। आतंकियों को कश्मीर और भारत के अन्य हिस्सों में भेज कर पाक किस तरह से यह उम्मीद कर सकता है कि भारत की तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया नहीं होगी ? अब समय है कि भारत को भी पाक को कुछ बिन्दु बता देने चाहिए कि जब तक इन पर कोई कार्यवाही नहीं होगी किसी भी तरह की बात चीत शुरू होने की आशा पाक को नहीं रखनी चाहिए।
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें