मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

मंगलवार, 2 मार्च 2010

पेट्रोलियम पदार्थों में आग....

प्रधान मंत्री ने अपनी सऊदी यात्रा से वापस लौटते समय विमान में पत्रकारों से बात करते समय जो संकेत दिया कि  पेट्रोलियम पदार्थों में की गयी वृद्धि वापस नहीं ली जाएगी वह समय की आवश्यकता है. यह सही है कि इन पदार्थों का सीधे तौर पर देश के आम आदमी से सम्बन्ध है पर जिस तरह से सरकारी तेल कम्पनियाँ अपने घाटे के लिए परेशान हैं उससे तो इस तरह के कड़े कदम उठाने की बहुत आवश्यकता है. देश में अभी भी केवल वोटों की राजनीति हावी है जबकि आज समय आ गया है कि दूरगामी हितों को देखते हुए कुछ कड़े कदमों के लिए देश को तैयार होना ही होगा. कोई भी सरकार किसी भी स्तर पर मूल्य वृद्धि नहीं चाहती है फिर भी बहुत बार उसे आगे की बातें सोचकर ही कदम उठाने होते हैं.
              क्यों सरकार हमेशा ही सहायता देकर इन पदार्थों की कीमतों को एक स्तर पर रखने का प्रयास करे ? देश में केरोसिन की कम कीमतों ने मंजूनाथ जैसे पता नहीं कितने ईमानदार अधिकारियों की जान ले ली है ? अभी भी समय है कि केरोसिन के दामों को तर्क संगत बनाया जाये और गैस के दाम भी अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों के आधार पर तय किये जाएँ. आखिर विरोधी दल क्या चाहते हैं ? आज यदि नहीं चेता गया तो कल को सरकारी तेल कंपनियों को बचाने के सभी उपाय भी बेकार साबित हो जायेंगें. कोई भी तंत्र कब तक घाटे में चलकर जिंदा रह सकता है ? इस बात को सभी दलों को समझना होगा केवल आन्दोलन करना ही समस्या का हल नहीं है. देश के ७०० से अधिक माननीय सांसद भी मिलकर आज तक ऐसा कुछ नहीं खोज सके जिसके कारण इस तरह की सस्ती लोकप्रियता से बचा जा सके. आज की राजनीति देश के संस्थानों को कंगाली के हालत तक पहुँचाने में लगी हुई है. जब हम बाज़ार से हर चीज़ उसके वास्तविक दामों में ही खरीदना चाहते हैं तो फिर तेल/गई में हम क्यों सरकारी मदद की तरफ ताकते रहते हैं ?
कर लो विरोध और घटवा लो कीमतें कल को जब ये कम्पनियाँ ही नहीं बचेंगी तो क्या कम और क्या ज्यादा ? मरवा देना जनता को अपनी घटिया राजनीति से ? आज सरकार के पास एक अवसर तो है मूल्य नियंत्रित करने के लिए पर कल जब सब निजी हाथों में होगा तो बजा लेना अपनी ढपली और ले लेना सस्ता तेल ? देश की प्रसिद्ध तेल कम्पनी रिलायंस ने तेल की बढ़ी कीमतों के कारण ही अपने तेल कारोबार को बंद कर दिया था क्योंकि वे सरकारी तेल के मुकाबले कोई पैसा नहीं पा रहे थे और सस्ता तेल बेचकर वे सड़क पर आना नहीं चाहते थे ?  

मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

2 टिप्‍पणियां:

  1. सही बात है सार्वजनिक क्षेत्र को मजबूत बनाए रखना देश की अर्थव्यवस्था को नियंत्रित रखने के लिए जरूरी है।

    जवाब देंहटाएं
  2. इसका चेन इफेक्ट होगा अन्य वस्तुओं की कीमतों पर...

    जवाब देंहटाएं