मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

बुधवार, 3 मार्च 2010

आतंक के खिलाफ फतवा....

ब्रिटेन में पाकिस्तान के डॉक्टर ताहिरुल कादरी ने दुनिया के सामने इस्लाम की रौशनी में कुछ तथ्य लाने का एक अनूठा प्रयास शुरू किया है जिसके तहत वे अल कायदा के इस दुष्प्रचार के बारे में विस्तार से बताने का प्रयास कर रहे हैं जिसकी ढाल बनाकर तालिबान और अल कायदा नौजवानों को भड़का कर आतंकी बना देते हैं. आज दुनिया के सामने सबसे बड़ा संकट इस्लामी आतंक का केवल इसलिए ही है क्योंकि इस्लाम के मानने वालों की तरफ से उसकी सही व्याख्या नहीं की जा रही है. पूरी तरह से इस्लाम और उसके सारे मामलों में चरम पंथियों के दखल से आज शेष विश्व के मन में इस्लाम को लेकर बहुत सारी शंकाएं आ रही हैं. चरम पंथियों का सबसे बड़ा दुष्प्रचार केवल उनके अपने लाभ के लिए ही होता है. सारी दुनिया में इस्लाम के अनुयायियों में साक्षरता का स्तर बहुत कम है जिससे अशिक्षित लोगों को आसानी से यह बात समझा दी जाती है कि वे जो कर रहे हैं वही सच्चा इस्लाम है. डॉक्टर कादरी ने साफ कहा है कि अल कायदा ' नए नाम से पुरानी बुराई है' जिसको खुद पैगम्बर साहब ने दूर करने के लिए जिन्दगी भर काम किया.
           इस फतवे में यह बताया गया है कि इस्लाम कहीं से भी मासूमों का क़त्ल करने का हुक्म नहीं देता और यह करना गुनाह है. गुनाह करने वालों को कभी भी अल्लाह का प्यार नहीं मिल सकता .इसमें हमले के धार्मिक उद्देश्यों को भी चुनौती दी गयी है जिसके अनुसार मरने के बाद बहुत सारी चीज़ें मिलने का वादा किया जाता है. आज के समय में सबसे बड़ी बात यही है कि लोगों तक इस्लाम का सही स्वरुप पहुंचे और उससे भी बड़ी ज़रुरत यह है कि इस्लाम के अनुयायी भी इस्लाम के सही अर्थों और संदेशों को विद्वानों से समझें न कि किसी चरम पंथी संगठन के बहकावे में आ जाएँ. दुनिया में नफरत से कुछ सुधर नहीं सकता है एक दूसरे को समझने से ही कुछ सही किया जा सकेगा. फिर भी केवल इस एक प्रयास से ही खुश होने की ज़रुरत भी नहीं है क्योंकि लन्दन से बहुत दूर तक दुनिया बसती है फिर भी अँधेरी गली में कहीं दूर से एक रौशनी कि उम्मीद तो दिखाई ही देने लगी है....     


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