उत्तर प्रदेश में जेलों की सघन तलाशी के समय अक्सर कैदियों के पास कंडोम पाए जाने का रहस्य आखिर में खुल ही गया. जब जेल में किसी भी तरह के सामान को ले जाने की मनाही है तो आखिर किस तरह से इस तरह की सामग्री अन्दर तक पहुँच जाती है. अभी तक जेल प्रशासन से जुड़े लोग यह समझ ही नहीं पा रहे थे कि आख़िर कैदियों के पास कंडोम का क्या काम हो सकता है ? पर वाह से भारतीय मेधा..... वह कंडोम से केवल वही काम नहीं करती जिसके लिए वह बनाया जाता है वरन उसके भी अन्य प्रयोगों पर दिमाग खर्च करती है. जेल में पैसे देकर कैदियों के पास यह सूचना पहुँच जाती है कि कब छापा पड़ने वाला है बस वे अपने मोबाइल को कंडोम में रखकर धागे से सीवर में लटका देते हैं और जब जांच की जाती है तो किसी के पास भी मोबाइल नहीं बरामद होते हैं और छापा पूरा होते ही वे कंडोम को फ़ेंक कर अपना मोबाइल वापस ले आते हैं. मैं इस बात की पक्की गारंटी ले सकता हूँ कि दुनिया में कोई और देश कंडोम का इस तरह से कोई प्रयोग करने की सोच भी नहीं सकता है ?
भारत सरकार को अब इस बात के लिए फिर से सोचना होगा कि आखिर क्यों जनसँख्या नियंत्रण अधूरा ही रह जाता है ? अब आगे से बाज़ार में कई तरह के कंडोम उपलब्ध होने लगेंगें और खरीदते समय ग्राहक को यह भी बताना होगा कि आखिर वे इसका उपययोग किस तरह से करने वाले हैं. केवल जनसँख्या नियंत्रण से सम्बंधित लोगों को सस्ती दरों वाले कंडोम उपलब्ध कराये जाने चाहिए तथा अन्य कामों के लिए इनकी कीमतें ज्यादा होनी चाहिए. जैसे सरकार घरेलू गैस पर सहायता देती है और व्यावसायिक पर नहीं उसी तरह से केवल परिवार नियोजन वाले कंडोम सस्ते बिकने चाहिए और बाक़ी की कीमतों का पुनर्निधारण किया जाना चाहिए. अब भारतीय मेधा के इस चमत्कार को देखकर मेरा भी मन कर रहा है कि अखिल भारतीय स्तर पर एक प्रतियोगिता आयोजित की जानी चाहिए जिसमें केवल कंडोम के नए से नए प्रयोग पर बात की जाये पक्की बात है कि इसकी टी आर पी सभी को पीछे छोड़ देगी और इसके नए प्रयोगों से जनता भी अवगत हो जायेगी. आख़िर किसी भी वस्तु के प्रयोग का अधिकार सभी को होना चाहिए. हाँ अगर सरकार चाहे तो इन नए उपयोगों की खोज करने वालों को १० वर्ष का पटेंट देकर उनकी मेधा का सम्मान कर सकती है. मुझे तो लगता है कि यह खबर हमारे पड़ोसी मुल्क तक पहुँच गयी है तभी तो वे अब भारत से कंडोम सीधे खरीदना चाहते हैं. मुझे एक बात का डर है कि कहीं पाक में आतंकी कंडोम में छिपाकर हथियार और परमाणु बम भी इधर उधर न करने लगें ? मुझे तो उनकी नियति में ही शक है क्योंकि इतने दिनों से तो वे भी जनसँख्या नियंत्रित नहीं कर पाए और सानिया की शादी होते ही उन्हें जनसँख्या नियंत्रण और कंडोम खरीदने की बातें भी सूझने लगी हैं ?
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
मुझे तो उनकी नियति में ही शक है क्योंकि इतने दिनों से तो वे भी जनसँख्या नियंत्रित नहीं कर पाए और सानिया की शादी होते ही उन्हें जनसँख्या नियंत्रण और कंडोम खरीदने की बातें भी सूझने लगी हैं ?
जवाब देंहटाएंbilkul sahi kaha aapne pehle kya ankhe band kar ke baithe the
jo ab hosh aaya hai.....
वाह रे दिमाग और कंडोम का इस्तेमाल..मान गये भई.
जवाब देंहटाएंयहाँ की जुगाड़ संस्कृति में कुछ भी हो सकता है
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंदाल में काला तो ठीक था मगर यहाँ तो पूरी दाल ही काली है!
जवाब देंहटाएं