मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

गुरुवार, 7 अक्तूबर 2010

भ्रूण हत्या और पंजाब

देश में हर मामले में तरक्की की राह बनाने वाले प्रान्त पंजाब ने भ्रूण हत्या के मामले में सबसे अव्वल रहकर स्त्री-पुरुष अनुपात को सबसे पहले बिगाड़ने का काम किया था जिसे बाद में हरियाणा ने भी अपना लिया. इस सब का सबसे बुरा परिणाम यह हुआ कि आज इन दोनों प्रान्तों में लड़कियों की भारी कमी दिखाई दे रही है. लड़कियों के लिए पंजाब में सांसद हरसिमरत कौर द्वारा चलाये जा रहे अभियान में शामिल हुई राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने भी कन्या भ्रूण हत्या पर चिंता जताई. उन्होंने पूरे पंजाब का आह्वाहन करते हुए कहा कि अब समय है कि पंजाब इस मामले में पूरी तरह से देश को एक नयी राह दिखाए.
         एक ऐसी तकनीक जिसका उपयोग केवल रोगों का पता लगाने के लिए होना चाहिए था उसके दुरूपयोग ने पंजाब जैसी जगह पर कन्या भ्रूण हत्या को बहुत बढ़ावा दिया. अगर ध्यान से देखा जाये तो ऐसा क्यों हुआ ? हमारी सामाजिक मान्यताएं कहीं न कहीं  से इतनी खोखली हो गयी कि हमने प्रकृति के नियमों से ही छेड़-छाड़ शुरू कर दी ? दहेज़ की समस्या केवल पंजाब की ही समस्या नहीं है पर पंजाब ने इससे जिस तरह से निपटना शुरू किया उसके कारण ही वहां पर लिंग अनुपात बुरी तरह से गड़बड़ा गया. आवश्यकता थी कि लोगों को दहेज़ के विरुद्ध जागृत किया जाये पर वहां पर लड़कियों को पैदा होने से पहले ही ख़त्म किया जाने लगा जिससे आज विवाह योग्य लड़कों को ढूँढने से भी लड़कियां नहीं मिल रही हैं ?
      दहेज़ हर समाज के लिए एक अभिशाप है पर आज जिस बेशर्मी के साथ लोगों ने दहेज़ माँगना शुरू कर रखा है उससे तो लगता अहि कि समाज में भिखमंगे लोगों की संख्या बहुत बढ़ गयी है. कन्या भ्रूण हत्या को भी हत्या ही माना जाना चाहिए क्योंकि यह हत्या पूरे सामाजिक ताने बाने को छिन्न भिन्न करने का काम कर रही है, इसके कारण समाज में लिंग अनुपात खतरनाक स्तर तक पहुँच चुका है. आज हमें अपनी बच्चियों को इस दुनिया में आने से रोकने के स्थान पर उन्हें ख़ुशी के साथ आगे लाने का काम करना चाहिए.        

मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

1 टिप्पणी:

  1. बड़े ही सार्थक और विचारणीय विषय पर बात की....
    सचमुच बड़े ही अफसोसजनक हालात हैं.......

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