मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

शुक्रवार, 19 नवंबर 2010

२ जी घोटाला और देश

देश में इस समय सबसे ज्यादा चर्चित दूरसंचार घोटाले के कारण ही हर तरफ से रोज़ ही नए खुलासे हो रहे हैं. अभी तक यह समझा जा रहा था कि इस सारे मामले में कुछ कंपनियों को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से ही अनियमितताएं की गई हैं पर अब यह सामने आ रहा है कि सारा मामला कुछ और आगे तक भी जा सकता है. इस मामले में संप्रग सरकार के दामन पर छींटे पड़ने तय हैं क्योंकि इस मामले को जिस तरह से पूरी सरकार के स्तर पर निपटा जाना चाहिए था वह केवल द्रमुक पर ही छोड़ देने से इस तरह के हालत पैदा हो गए. यह सही है कि गठबंधन की राजनीति की मजबूरियों के चलते मनमोहन ने इस मामले पर पूरा ध्यान नहीं दिया और इसका खामियाज़ा अब उनके समेत पूरी सरकार को भुगतना पड़ रहा है.
      कोई भी सरकार देश से बड़ी नहीं हो सकती है आख़िर में जिस तरह से मनमोहन ने अब राजा को हटाया ऐसा वे पहले भी कर सकते थे ? उनके ऐसा करने से सरकार की साख बढ़ती और देश को राजस्व के रूप में जो घाटा हुआ है वह भी नहीं होने पाता ? अब समय है कि देश में ऐसी नीतियां तैयार की जाएँ जिनमें विपक्ष को भी शामिल करने की बात हो ? आख़िर केवल कुछ वोटों के कारण ही तो कोई सरकार में आ जाता है तो कोई विपक्ष में बैठता है ? कुछ ऐसे मुद्दे जिन पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए देश हित में उन पर सभी को बैठकर नीति निर्धारण के बारे में सोचना चाहिए ? पर अभी हमारे लोकतंत्र को इस दिशा में बहुत कुछ करना है जिससे हम भी मज़बूत लोकतंत्र बन सकें ?
         लोकसभा का उपयोग केवल हल्ला मचाने के लिए ही नहीं होना चाहिए सभी सांसदों के लिए यह अनिवार्य होना चाहिए कि वे जिस समिति के सदस्य हैं उसकी हर बैठक में भाग लें और अगर वे ऐसा कर पाने में असफल रहते हैं तो उनके वेतन और भत्तों में कटौती कर ली जानी चाहिए. जब बिना काम के किसी को कुछ भी नहीं दिया जाता है तो फिर बिना समस्याओं का हल निकाले सांसदों को कैसे भुगतान किया जा सकता है ? नीतिगत मुद्दों पर देश के सभी राजनैतिक दलों की राय हमेशा ही महत्वपूर्ण है और उसे अवश्य ही लिया जाना चाहिए क्योंकि बिना उसके कोई भी नीति सही ढंग से विपक्ष लागू नहीं करने देता है ? अब भी समय है कि क्षुद्र हितों का त्याग करके नेता देश के बारे में सोचना शुरू कर दें वरना जब तक वे चेतेंगें तब तक देश विकास के राजमार्ग पर काफी पिछड़ चुका होगा. 

मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

2 टिप्‍पणियां:

  1. ये नेता कभी भी नही सुधरने वाले, ये तो सिर्फ लोकसभा की कुर्सियां ही तोड़ सकते है..

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  2. जो घोटाला न कर पाये वो नेता किस काम का...

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