मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

शुक्रवार, 26 नवंबर 2010

२६/११ के दो साल

आज मुंबई पर हुए आतंकी हमले की दूसरी बरसी पर देश के सामने बहुत सारे सवाल अनुत्तरित रह जाते हैं. यह सही है कि इन दो वर्षों में हमने महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा के बारे में काफी हद तक अपने को चुस्त दुरुस्त किया है पर आज और अभी भी देश में बहुत सारे ऐसे स्थान हैं जहाँ पर सुरक्षा पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है. इस काले दिन जिस तरह से पाक में प्रशिक्षित आतंकियों ने पूरी मुंबई और देश में आतंक फ़ैलाने के प्रयास किये उनसे देश ने आतंक के बारे में नए सिरे से सोचना तो शुरू किया अभी तक केवल कुछ लोगों और स्थानों की सुरक्षा को ही देश की सुरक्षा मान लिया जाता था पर इस हमले के बाद पहली बार सरकार ने भी पूरे देश में एन एस जी कमांडो को समय से पहुँचाने के लिए इसकी अन्य शाखाओं के बारे में भी सोचना शुरू किया और इनकी तैनाती भी की.
          यह सही है कि इस तरह के प्रयासों से केवल लोगों में सुरक्षा भावना बढ़ाई जा सकती है पर असली सुरक्षा तभी मानी जाएगी जब हर देश वासी अपने आस पास की हर गतिविधि से चौकन्ना रहना सीख लेगा ? आज जिस तरह से हम सभी अपने देश से जुड़े मामलों में लापरवाही किया करते हैं और यह सोचकर चुप होकर बैठ जाते हैं कि अभी कुछ भी हम कैसे कर सकते हैं ? बस यहीं से आतंकियों के मंसूबे पूरे होने शुरू हो जाते हैं ? देश है तो हम हैं और इस बात का हमें ही ध्यान रखना होगा क्योंकि उच्च सुरक्षा प्राप्त कोई भी नेता इस खतरे से रूबरू नहीं होता है और आम आदमी ही इस तरह की आतंकी गतिविधियों में अपनी जान खो देता है.
       इस सबके बीच जो बात सबसे ज़रूरी है वह यह कि अब सही समय है कि देश में नागरिक सुरक्षा के संगठन को निचले स्तर से मजबूती प्रदान की जाये जब तक हर नागरिक इन बुनियादी सुरक्षा चिंताओं को अपना नहीं मानेगा तो सरकारी स्तर से किये जा रहे सारे प्रयास अधूरे ही रह जायेंगें. नगर और ग्राम के स्तर पर इस सुरक्षा समिति को जल्दी ही सक्रिय कर दिया जाना चाहिए और इनकी सफलता के लिए स्थानीय नेताओं को इनमें स्थान नहीं देना चाहिए क्योंकि इन माननीयों के शामिल होते ही यह संगठन केवल अपने लोगों को भरने के काम में ही उलझ कर रह जायेगा. अब भी यह समय अहि कि हम अपनी सुरक्षा के बारे में खुद तो सचेत हो ही जाएँ साथ ही किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि के बारे में पुलिस को सूचित करने में भी नहीं हिचकें.

मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

1 टिप्पणी:

  1. जब तक स्यूडो धर्मनिरपेक्षिये और भ्रष्टाचारिये रहेंगे सुरक्षा ऐसी ही रहेगी..

    जवाब देंहटाएं