उगता सूरज, खिलती धरती, नीला अम्बर फिर मुस्काए !
जीवन बने सरल हम सबका, साल कोई फिर ऐसा आये !!
हार जाएँ अब ये आतंकी, अमन चैन जब पंख पसारे !
हों राहें खुशहाल हमारी, साल कोई फिर ऐसा आये !!
धरती उगले फिर से सोना, फसल खेत में फिर लहराए !
भूखे पेट कोई न सोये, साल कोई फिर ऐसा आये !!
भ्रष्टाचार दूर हो जाए, जन मन फिर कर्मठ बन जाए !
नेता सच्चे बने हमारे, साल कोई फिर ऐसा आये !!
अत्याचार ख़त्म हो सारा, कन्या भ्रूण सभी बच जाएँ !
पुरुष संग चलती हो नारी, साल कोई फिर ऐसा आये !!
दे पुकार रांझा जब दिल से, हीर दूर से दौड़ी आये !
होने लगे प्यार की बारिश, साल कोई फिर ऐसा आये !!
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
नूतन वर्ष के अवसर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं .....
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता...उगता सूरज, खिलती धरती, नीला अम्बर फिर मुस्काए !
जवाब देंहटाएंजीवन बने सरल हम सबका, साल कोई फिर ऐसा आये !
नववर्ष की शुभकामनायें...
sundar kavita
जवाब देंहटाएंKya Baat Hai
जवाब देंहटाएंA.Rastogi