एहसास हुआ जैसे वो अपना सा कोई है,
दूर जाते हुए जब उसने पलट कर देखा !!
कोई सबमें भी है फिर भी है तनहा इतना,
चाँद के राज़ को जब पास से जाकर देखा !!
झील सी गहरी हैं फिर भी हैं कितनी भोली,
उनकी आँखों में जब आँखें मिलाकर देखा !!
चुप रहती हैं और चुपके से बोलती कितना,
आँखों से करते हुए उनको जो इशारे देखा !!
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
दूर जाते हुए जब उसने पलट कर देखा !!
कोई सबमें भी है फिर भी है तनहा इतना,
चाँद के राज़ को जब पास से जाकर देखा !!
झील सी गहरी हैं फिर भी हैं कितनी भोली,
उनकी आँखों में जब आँखें मिलाकर देखा !!
चुप रहती हैं और चुपके से बोलती कितना,
आँखों से करते हुए उनको जो इशारे देखा !!
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
आदरणीय डा०आशुतोष जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
कोमल भावों से सजी ..
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
बहुत प्रेरणा देती हुई सुन्दर रचना ...
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाइयाँ !!
Happy Republic Day.........Jai HIND
yehsas hua jese vo apna sa koi hai
जवाब देंहटाएं...
bahut khub
..
अरे वाह..
जवाब देंहटाएं