जिस तरह से रेलवे ने एसी कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए यात्रा के समय अपने मूल पहचान पत्र साथ में रखने का आदेश पर १५ फरवरी से अमल लाने को कहा है उससे यही लगता है कि आने वाले समय में इन दर्जों में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए कुछ सुकून भरे दिन आने वाले हैं. अभी तक जो कुछ भी चल रहा था उससे यही लगता था कि यात्री आरक्षण के मसले पर रेलवे ने बहुत कुछ ठीक कर लिया है पर अभी भी इस तरह की शिकायतें मिल रही थीं कि किसी और के टिकट पर कोई और यात्रा कर रहा था. अभी तक आरक्षण के नियमों के तहत केवल उन्हीं यात्रियों को अपना पहचान पात्र दिखाना होता था जिन्होंने इन्टरनेट या तत्काल के माध्यम से टिकट लिया होता था पर अब आगे से इन श्रेणियों में सभी को अपनी पहचान साबित करनी होगी. रेलवे आज भी यह मानती है कि बड़े पैमाने पर नियमों की कमी का लाभ उठाकर लोग इस तरह अवैध तरीके से यात्रा करते हैं और इसको रोकने के लिए अब रेलवे ने यह जुगत भिड़ाई है.
इस तरह के आदेश के साथ अगर रेलवे थोड़े दिन अमल करने के बाद इसका परिणाम देखे और किसी भी तरह की आरक्षित श्रेणी में हर व्यक्ति के लिए पहचान पत्र लेकर चलना अनिवार्य कर दिया जाये तो आने वाले समय में सुरक्षा से जुड़ी बहुत सारी खामियां खुद ही दूर हो जायेंगीं. आज जिस तरह से आरक्षित श्रेणी में अन्य लोग घुसने का प्रयास करते हैं उससे यही लगता है कि इस कमी का लाभ उठाकर किसी भी तरह की घटना को अंजाम दिया जा सकता है क्योंकि बड़े स्टेशनों पर इतनी भीड़ को एकदम से नियंत्रित करना भी कठिन काम है और जिस तरह से बड़े शहरों में रोज़ ही लाखों लोग अपने काम काज के सिलसिले में आते-जाते हैं तो वैसे में रेलवे के पास करने के लिए बहुत कुछ बचता भी नहीं है. सुरक्षात्मक दृष्टि से कुछ गाड़ियों में इस तरह की व्यवस्था की जानी चाहिए और हवाई अड्डों की तरह यात्रियों को टिकट देखकर ही अन्दर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए हालांकि इस तरह की व्यवस्था में पूरी तैयारी न होने से लोगों की ट्रेन भी छुट सकती है पर इसके लिए अब किसी न किसी तंत्र को विकसित करना ही होगा.
केवल आदेश जारी करने और उसे धरातल पर उतारने में बहुत बड़ा अंतर होता है जिस कारण से इस तरह के आदेश पूरी तरह से लागू नहीं हो पाते हैं. अच्छा हो कि इस बात का प्रचार रेलवे खुद ही करे और अब जो भी टिकट छाप कर दिए जाएँ उनमें इस बात का भी ज़िक्र हो कि एसी में सफ़र अकरने के लिए अब पहचान पत्र आवश्यक है. जो लोग किसी भी तरह के माध्यम से इस जानकारी को पाचुके हैं उनके लिए तो कोई समस्या नहीं है पर जिन्हें इस बारे में कुछ अन्हीं पता है और उन्होंने टिकट भी पहले से बुक कराया है तो रेलवे को उनके फोन पर सन्देश भेजकर सचेत कर देना चाहिए. इस सुविधा से जहाँ आने वाले समय में सही यात्रियों की पहचान करने में आसानी हो जाएगी वहीं दूसरी तरफ़ बिना पहचान पत्र वाले यात्रियों से सुविधा शुल्क भी लिया जाने लगेगा ? आज के भ्रष्ट माहौल में ऐसे आदेश किस हद तक यात्रियों और रेलवे की समस्या को दूर कर पायेंगें यह तो समय ही बताएगा फिर भी यह एक अच्छा कदम तो है ही जो आने वाले समय में कुछ न कुछ सकारात्मक परिणाम लेकर ही आएगा.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
इस तरह के आदेश के साथ अगर रेलवे थोड़े दिन अमल करने के बाद इसका परिणाम देखे और किसी भी तरह की आरक्षित श्रेणी में हर व्यक्ति के लिए पहचान पत्र लेकर चलना अनिवार्य कर दिया जाये तो आने वाले समय में सुरक्षा से जुड़ी बहुत सारी खामियां खुद ही दूर हो जायेंगीं. आज जिस तरह से आरक्षित श्रेणी में अन्य लोग घुसने का प्रयास करते हैं उससे यही लगता है कि इस कमी का लाभ उठाकर किसी भी तरह की घटना को अंजाम दिया जा सकता है क्योंकि बड़े स्टेशनों पर इतनी भीड़ को एकदम से नियंत्रित करना भी कठिन काम है और जिस तरह से बड़े शहरों में रोज़ ही लाखों लोग अपने काम काज के सिलसिले में आते-जाते हैं तो वैसे में रेलवे के पास करने के लिए बहुत कुछ बचता भी नहीं है. सुरक्षात्मक दृष्टि से कुछ गाड़ियों में इस तरह की व्यवस्था की जानी चाहिए और हवाई अड्डों की तरह यात्रियों को टिकट देखकर ही अन्दर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए हालांकि इस तरह की व्यवस्था में पूरी तैयारी न होने से लोगों की ट्रेन भी छुट सकती है पर इसके लिए अब किसी न किसी तंत्र को विकसित करना ही होगा.
केवल आदेश जारी करने और उसे धरातल पर उतारने में बहुत बड़ा अंतर होता है जिस कारण से इस तरह के आदेश पूरी तरह से लागू नहीं हो पाते हैं. अच्छा हो कि इस बात का प्रचार रेलवे खुद ही करे और अब जो भी टिकट छाप कर दिए जाएँ उनमें इस बात का भी ज़िक्र हो कि एसी में सफ़र अकरने के लिए अब पहचान पत्र आवश्यक है. जो लोग किसी भी तरह के माध्यम से इस जानकारी को पाचुके हैं उनके लिए तो कोई समस्या नहीं है पर जिन्हें इस बारे में कुछ अन्हीं पता है और उन्होंने टिकट भी पहले से बुक कराया है तो रेलवे को उनके फोन पर सन्देश भेजकर सचेत कर देना चाहिए. इस सुविधा से जहाँ आने वाले समय में सही यात्रियों की पहचान करने में आसानी हो जाएगी वहीं दूसरी तरफ़ बिना पहचान पत्र वाले यात्रियों से सुविधा शुल्क भी लिया जाने लगेगा ? आज के भ्रष्ट माहौल में ऐसे आदेश किस हद तक यात्रियों और रेलवे की समस्या को दूर कर पायेंगें यह तो समय ही बताएगा फिर भी यह एक अच्छा कदम तो है ही जो आने वाले समय में कुछ न कुछ सकारात्मक परिणाम लेकर ही आएगा.
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