मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

रविवार, 31 मई 2020

निगरानी में लापरवाही

                                                           देश में कोरोना से लड़ने के लिए जिस स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं उनमें कहीं न कहीं किसी स्तर पर शामिल लोगों द्वारा कई बार की जा रही लापरवाहियां देश के लिए चिंता एवं हंसी का विषय बन रही हैं, यह सही है कि सरकार की मंशा को पूरा करने का ज़िम्मा निचले स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों का ही होता है पर महत्वपूर्ण स्थल पर तैनात लोगों द्वारा की गयी लापरवाही से आज नई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं. बिना पूर्व सूचना के इतनी गर्मी के मौसम में पहले तो निर्धारित मार्ग से नए मार्ग पर श्रमिक स्पेशल गाड़ियों को चलाया गया जिसके बारे में नए मार्ग पर पड़ने वाले स्टेशनों पर इन श्रमिकों के लिए कोई व्यवस्था करने के स्पष्ट आदेश नहीं थे जिससे अनावश्यक रूप से इन लोगों को अपनी यात्रा पूरी करने में अधिक समय लगा और इनको अधिक कष्टों का सामना भी करना पड़ा. यदि इस मामले में थोड़ी से सावधानी बरती जाती तो श्रमिकों की समस्याओं पर पहले से ध्यान दिया जा सकता था.
                                     कल एक खबर ऐसी भी आई जिससे पूरी दुनिया में देश की छवि को धक्का लगा है जिसमें मास्को जा रहे एयर इंडिया के विमान के पायलट के कोरोना पॉजिटिव होने का पता दोबारा की जाने वाली चेकिंग में हुआ तब तक वह दिल्ली से दो घंटे की उड़ान पूरी कर चुका था. यह लापरवाही उस स्तर पर हुई जहाँ छोटी सी चूक भी बहुत बड़ी समस्या का कारण बन सकती है. कहा जा रहा है कि पहले इस पायलट की पॉजिटिव रिपोर्ट को नेगेटिव पढ़ लिया गया जिसके चलते उसे उड़ान पर जाने की अनुमति दे दी गयी पर जब उसकी जाँच दोबारा की गई तो उसके पॉजिटिव होने की खबर भी सामने आयी. इस मामले में निश्चित तौर पर किसी कर्मचारी की लापरवाही ही है पर इससे पूरी दुनिया में देश की साख को बट्टा भी लगता है. इस तरह के मामलों में पूरी सतर्कता बरतने की आवश्यकता है जिससे भविष्य में किसी भी समस्या से बचा जा सके.
                                      इसी तरह कोरोना के सैंपल ले जाने वाले के पास से एक बन्दर सैंपल उठाकर ले गया जो की निश्चित रूप से लापरवाही की श्रेणी में ही आता है पर इससे हमारे द्वारा इकट्ठे किये जा सैम्पल्स को कुछ जगहों पर कितनी लापरवाही से लाया ले जाया जा रहा है यह भी सामने आ गया है. ऐसा नहीं कि ऐसी बहुत सारी घटनाएं हैं पर सैंपल के मामले में बन्दर उसे कहीं भी फ़ेंक सकता है और उसके बाद उस स्थान पर सैंपल के खुलने से संक्रमण फैलने का खतरा भी हो सकता है. देश में निश्चित तौर पर लाखों लोग कोरोना से निपटने में विभिन्न स्तरों पर मज़बूती से जूझ रहे हैं फिर भी इनमें से कुछ कर्मचारियों की लापरवाही से पूरे तंत्र का मज़ाक उड़ाने वालों को मौका मिल जाता है. ऐसी विषम परिस्थिति में ड्यूटी लगाते समय इन कर्मचारियों के पिछले रिकॉर्ड पर भी चाहिए और जो घोषित लापरवाह हैं उनको ७५% वेतन पर घर भेज देना चाहिए जिससे उनको इस बात का एहसास भी हो कि उनकी लापरवाही की कीमत खुद उन्हें चुकानी होगी क्योंकि देश अब उनके झेलने के लिए तैयार नहीं है.
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