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शनिवार, 31 जनवरी 2009

गाँधी फिर भी जिंदा रहेंगें...


यह चित्र मोहन गली, उर्दू बाज़ार करांची का है जहाँ पर आज भी गाँधी इस रूप में मौजूद हैं, साभार बीबीसी हिदी

पता
नहीं इस विश्व में नफरत की आग कब तक जलती रहेगी ? कल ३० जनवरी बापू की पुण्यतिथि........ और एक समय में देश को बहुत कुछ देने वाले कानपुर शहर में कुछ लोगों ने सिर्फ़ सनसनी फैलाने के लिए या फिर किसी व्यक्तिगत खुंदक के तहत बापू की प्रतिमा खंडित कर दी। बापू तो आज अपनी बात को सही या ग़लत बताने के लिए हमारे बीच में हैं भी नहीं पर ये लोग किस तरह से सोचते रहते हैं कि इस तरह से कुछ भी करके क्या बापू की विचारधारा को मिटाया जा सकता है ? जब बापू के समय के सबसे मज़बूत शासक वर्ग के तमाम प्रयासों के बाद भी उनकी विचारधारा करोड़ों भारतीयों के दिल में पलती रहती थी तो आज किस तरह से उनको मिटाया जा सकता है ? आज अपने स्वार्थ इतने आगे जा चुके हैं कि कोई भी इनसे ऊपर उठाना ही नहीं चाहता है। बापू आज के युग में एक विचारधारा बन चुके हैं वे एक व्यक्ति के रूप में इस देश की देह बन गए हैं आत्मा बन गए हैं उनको कोई भी मिटा नहीं सकता है.......... हाँ पर इस बात के फैलने से दुनिया में भारत की किरकिरी ज़रूर होती रहती है कि अब गाँधी को अपने देश में ही अपमान सहना पड़ रहा है। बापू की विचारधारा के विरोधी उनके समय में भी थे तभी तो उनकी हत्या की गई थी पर आज सारा विश्व उन की आवाज़ को अपनी आवाज़ मानता है। किसी को कोई उलझन होती है तो वह बापू के रास्ते से हल खोजना चाहता है। अब क्या कोई इन लोगों को रोक सकता है ? नहीं... क्योंकि विचारधाराएँ भी नदी के प्रवाह की तरह ही होती हैं जिस तरफ़ भी सुगमता दिखाई देती है जो भी अपने आँचल को फैला कर स्वयम को उनके लिए खोल देता है उसकी तरफ़ दौड़ लेती हैं। किसी धारा को अपने कभी किसी पर्वत पर चढ़ते हुए देखा है क्या ? पर बापू की विचारधारा तो उन शोषकों के दिलों में भी छ गई थी जो उन पर तरह तरह के अत्याचार किया करते थे। आज किसी भी तरह से बापू को कम करके आँका नहीं जा सकता है क्योंकि उनको समय ने देख लिया है वह व्यक्ति आज भी एक संदेश बन कर विश्व को रास्ता दिखाने की क्षमता रखते है और जिसके पास क्षमता होती है वह कभी भी किसी भी परिस्थिति में अपना मार्ग निकल ही लेते है।

2 टिप्‍पणियां:

  1. Gandhi vyakti nahi ek VICHARDHARA hain...aur vicharo ki dhara kabhi sukhti nahi...!!!Dr shukla ...apke vicharo se main sehmat hoon..!!!(nkohli)

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  2. सत्य कहा आपने
    गाँधी विचारधारा का नाम है . गाँधी और उनके विचारो की महत्ता समय से परे है . चाहे कोई भी काल हो घंधिवाद सर्वश्रेठ पथ-प्रदर्शक है .

    किसी एक उन्मादी के प्रतिमा तोड़ने से गाँधी के सम्मान को , या गांधीवाद को ठेश पहुच नहीं सकती .

    और सच पूंछा जाये तो आतंकवाद , नफरत , जातिवाद ,भाषावाद पर जलते विश्व को फिर एक गाँधी की आवश्यकता है .

    बापू समाज का हित चाहने वालो के ह्रदय में सदेव जीवित रहेंगे

    (अंकित खरे)

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