गुरुवार, 20 अगस्त 2009
कल्याण ने पहनी लाल टोपी ..
आखिरकार जिस बात को बहुत दिनों से महसूस किया जा रहा था कि कब भाजपा के पूर्व दिग्गज नेता सपा में शामिल होंगे वह सपा के विशेष राष्ट्रीय सम्मलेन में पूरी होती दिखाई दे रही है। कल आगरा में शुरू हुए सम्मलेन में कल्याण ने जब सपा की विशेष लाल टोपी अपने सिर पर रखी तो यह भी साबित हो गया कि संभवतः वे जल्दी ही पार्टी में बाकायदा शामिल हो जायेंगें। कल्याण सिंह अपने मुख्यमंत्री के कार्यकाल में जितने चर्चित हुए वह चर्चा ही आज सपा के लिए एक समस्या बनती जा रही है। मुलायम सिंह ने यह भी कहा कि इस लोकसभा चुनाव में सपा का कोई भी मुस्लिम सांसद नहीं चुना गया पर आने वाले चुनावों में यह साबित हो जाएगा कि सपा के लिए कल्याण ने क्या किया ? यह सच है कि कांग्रेस के अप्रत्याशित प्रदर्शन से जहाँ सपा को परेशानी हुई वहीं बसपा के सपने को बहुत बड़ा झटका लगा। अभी तक कल्याण को सपा के दोस्त के रूप में देखा जा रहा था पर जब वे पूरी तरह से सपा में होंगें तो अच्छे प्रदर्शन का दबाव भी उन पर होगा। अपनी विवादित छवि और सख्त प्रशासक के रूप में कल्याण ने जहाँ प्रदेश में बहुत सारी बातों पर नकेल कसनी चाही थी पर मन्दिर/मस्जिद विवाद के कारण उनकी मंशा पूरी नही हो सकी और उनकी सरकार बीच में ही चली गई थी। व्यक्तिगत तौर पर कल्याण के विरोधी हो सकते हैं पर उत्तर प्रदेश में नक़ल के विरुद्ध पहली बार सख्ती से कुछ इनके समय में ही किया गया था। फिलहाल अपनी कट्टर हिंदूवादी छवि से बाहर निकल कर समाजवाद का झंडा उठाना कल्याण के लिए बहुत आसान नहीं होगा। फिर भी भाजपा में वरिष्ठ नेताओं के साथ जो व्यवहार चल रहा है हो सकता है कि जल्दी ही कुछ और नेता भी सपा की लाल टोपी पहने दिखाई पड़ें। उत्तर प्रदेश में बहुत कुछ है अगर कुछ नहीं है तो केवल नेताओं में इच्छा शक्ति ? क्योंकि बहुत सारे काम केवल मानसिक दृढ़ता के साथ ही किए जा सकते हैं उनमें नरमी करने से काम नहीं चलता है। फिल हाल देश का सबसे बड़ा राज्य अपनी दुर्दशा के लिए नेताओं के करतब से ही जूझ रहा है.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
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