फोर्ब्स की दुनिया की ताकतवर महिलाओं की ताज़ा सूची में भारतीय महिलाओं को पहले से ज़्यादा स्थान दिए गए हैं। इंदिरा नूई, सोनिया गाँधी, चंदा कोचर, किरण मजुमदार आदि ऐसे नाम हैं जिन्होंने अपने काम के बल पर इस सूची में स्थान बनाया है। सोनिया को जहाँ भारत की सत्तारूढ़ एवं सबसे पुरानी राजनैतिक पार्टी की अध्यक्ष की हैसियत से इसमें जगह मिली है वहीं पर अन्य लोगों को अपने कार्य क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने के लिए इस सूची में स्थान दिया गया है। प्रभाव को देखते हुए इस बार १०० महिलाओं की सूची में मायावती का नाम नहीं आ पाया है। देश में बहुत सारी महिलाओं ने बहुत उल्लेखनीय काम किए हैं जिससे उनका नाम भी इसमें आ सकता है परन्तु यह सूची दुनिया भर की महिलाओं को मिलकर बनाई जाती है इसलिए भारत की कम महिलाओं को इसमें स्थान मिल पाता है। फिर भी विकास के आयाम छूते देश में इस तरह से कुछ लोग अगर इतनी ऊँचाई प्राप्त कर लेते हैं तो यह दूसरों के लिए प्रेरणा का काम ही करती है। यह भी सम्भव है कि अपने हितों को साधने के लिए इस सूची में भी हेर फेर की या करायी जाती हो क्योंकि आज कल व्यक्तिगत हित साधने का समय है और कोई भी इससे अछूता नहीं है। बहुत बार भारत कि भी कुछ पत्रिकाएं अपने यहाँ के प्रभावशाली लोगों की सूची बनती रहती हैं जिससे लोगों को बहुत से ऐसे लोगों के बारे में पता चलता रहता अहि जिनके बारे में वैसे जानकारी नहीं हो पाती है। आज के समय आवश्यकता इस बात की अधिक है कि सही ढंग से काम किया जाए। इन सूचियों से केवल ख्याति मिलती है मन को संतोष नहीं मिल सकता हर व्यक्ति को पूरी लगन के साथ अपना काम करना चाहिए तभी उसके अच्छे परिणाम सामने आयेंगें और इस तरह की पता नहीं कितनी सूचियों में नाम स्वतः ही जुड़ता चला जाएगा। फिर भी अपने काम के दम पर इतना बड़ा मुकाम पाने वाली इन महिलाओं को सलाम...
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
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