गूगल यह कह कर अपना पीछा नहीं छुडा सकता कि नए प्रक्रियागत कारणों से अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा दिखा दिया गया। किसी भी नक्शे को अपलोड करते समय गूगल से तो हम यह आशा कर ही सकते हैं कि कहीं पर कोई गलती नहीं होगी क्योंकि गूगल की सेवा से बहुत से लोग अपने ज्ञान को बढ़ाने का काम भी करते रहते हैं। सबसे पहले बात यह कि इस बात का जितना जोरों से विरोध किया जाना चाहिए था हम शायद नहीं कर पाए। देश के हित से जुड़े मुद्दों से सम्बंधित किसी भी गलती को मात्र मानवीय भूल मान कर हम आख़िर किसको धोखा देना चाहते हैं? आज गूगल ने भी मान लिया कि यह भाग गलती से चीन का हिस्सा दिखाया गया जिसको शीघ्र ही ठीक कर लिया जाएगा। बात ठीक करने तक ही नहीं है क्या गूगल उन लोगों को जिम्मेदार मानेगा जिनके कारण यह ग़लत पोस्टिंग हुई ? क्या गूगल में हिम्मत है कि वह चीन के किसी हिस्से को किसी दूसरे देश का हिस्सा दिखा सके ? नहीं कभी नहीं पर भारत ही हमेशा नरम चारा क्यों ? सबको पता है कि हम देश हित के इस तरह के मुद्दों पर बहुत संवेदनशील नहीं हैं और दूसरों की बातों पर बहुत आसानी से भरोसा भी कर लेते हैं। आज के समय में भारत के बाज़ार की कोई भी अनदेखी नहीं कर सकता और गूगल तो सपने में भी यह नहीं सोच सकता कि ऐसा किया जाए। फिर भी हमारी अपनी लापरवाही के कारण ही तो कोई भी ऐरा गैरा हमें कुछ भी कह सकता है क्योंकि हम एक नरम राष्ट्र की छवि को लेकर दुनिया के सामने प्रस्तुत होते हैं। सहिष्णु होना एक बात है पर लापरवाह होना दूसरी। अब समय आ गया है कि हम इस तरह की बातों को ठीक ढंग से समझना शुरू करें तभी देश के बारे में कुछ सही सोचा जा सकेगा।
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गूगल को उन लोगों को तो जिम्मेदार मान ही लेना चाहिए , जिनके कारण यह ग़लत पोस्टिंग हुई ?
जवाब देंहटाएंगलती मान ली है....उसे सही कर दें तो बात खतम। गलती तो इन्सां से हो ही जाती है और साथ मशीन भी हो तो ड्बल खतरा:)
जवाब देंहटाएंविरोध तो किया जाना चाहिए ..!!
जवाब देंहटाएंकड़ा विरोध जरूरी है
जवाब देंहटाएंISRO lauched its service " BHUVAN'. It is a Indian reply to Google.
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