मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

सोमवार, 9 नवंबर 2009

मुंबई में फोर्स वन

मुंबई इस महीने ही २६/११ की बरसी मनाने जा रही है। भविष्य में इस तरह के आतंकी हमलों के समय प्रभावी कार्यवाई करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने फोर्स वन की जो कल्पना की थी वह भी इस महीने साकार होने जा रही है। सरकार ने व्यापक सुरक्षा के लिए मछुवारों को सिम दिए है जिससे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की ख़बर सरकार तक जल्दी से पहुँच सके और उनमें तार तम्य बनाया जा सके। किसी भी आतंकी हमले के समय पूरी तैय्यारी और शीघ्रता से दिया गया जवाब ही आतंकियों के हौसले पस्त कर सकता है। इस बारे में बहुत कुछ किए जाने की अभी भी आवश्यकता है। देश के सामने आने वाली चुनौतियों को देखते हुए हर एक राज्य में खतरे के अनुसार ही इस तरह का विशेष बल होना चाहिए। हर समय हर घटना के लिए केन्द्र से ही बल आयें यह कब तक चल पायेगा ? स्थानीय स्तर पर पुलिस को इतना तेज़ होना ही पड़ेगा की इस तरह की घटनाओं पर जल्दी ही काबू पाया जा सके। देश में हर राज्य पता नहीं कितने सारे धन को बेकार की बातों में ही बर्बाद कर देते हैं पर जब सुरक्षा की बात आती है तो केन्द्र की तरफ़ ताकना प्रारम्भ कर देते हैं। मैं इसी जगह पर पहले भी कह चुका हूँ कि क्या देश के नेता अपनी सुरक्षा के लिए राज्य की पुलिस से ही कोई बल नहीं बना सकते हैं ? क्यों हर नेता को एन एस जी के गार्ड ही चाहिए होते हैं ? जब पूरा प्रदेश इनके नीचे है तो क्या एक कायदे का बल राज्य नहीं बन सकते ? आवश्यकता पड़ने पर एक ऐसा संशोधन भी होना चाहिए कि हर राज्य के पास आबादी और खतरे को देखते हुए एक विशेष बल होना चाहिए जो आतंकी खतरों से निपटने में सक्षम हो । देश में हर बात के लिए केन्द्र की तरफ़ देखने की प्रक्रिया को बंद किया जाना चाहिए और साथ ही हर दल को यह भी देखना चाहिए की कौन सा व्यक्ति इन चुनौतियों से निपटने में सक्षम है उसे ही प्रदेश की बागडोर देनी चाहिए। किसी को भी कोई भी विभाग कैसे दिया जा सकता है और फिर महत्वपूर्ण विभाग तो काम करने वालों के पास ही होने चाहिए।

मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

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