मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

गुरुवार, 12 नवंबर 2009

शिक्षा का अधिकार कानून

देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती पर हुए एक समारोह में बोलते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि देश में शिक्षा का अधिकार कानून लागू करने के लिए दस लाख शिक्षकों की ज़रूरत है। इसके लिए देश को अभी से गुणवत्तापरक शिक्षा के बारे में सोचना होगा। देश में आगे आने वाले समय में तकनीकी शिक्षा का भी बहुत बड़ा योगदान होने वाला है इसलिए यह भी प्रयास किया जाना चाहिए कि इस तरह की शिक्षा प्रदान करने के लिए देश में आधारभूत ढांचा विकसित होता चले। यह सच है कि इस तरह के परिवर्तन एकदम से नहीं आ जाते हैं वरन इनके लिए पहले से सोच विचार कर काम किए जाने की आवश्यकता होती है। देश के आगे के समुचित विकास के लिए शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण होती जा रही है ऐसे में इस बात की आवश्यकता बढ़ जाती है कि देश में शिक्षा के लिए बहुत कुछ और भी किया जाए। आज के समय में देश साक्षर तो हो रहा है पर शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए अभी बहुत समर्पण की ज़रूरत है। देश में शिक्षा के प्रसार में सबसे बड़ी बाधा योजनाओं पर झूठे आंकडे पेश करने से आती है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत कितनी राशि खर्च की जा चुकी है इसका कोई अनुमान नहीं है पर जिस तरह से साक्षरता दर बढ़नी चाहिए थी वैसे नहीं बढ़ी। कहीं न कहीं सरकारी स्तर पर क्रियान्वयन में कमी है तो कहीं पर हमारे शिक्षक जो इस काम के लिए रखे गए हैं जुगाड़ लगाकर केवल शहरों के आस-पास ही पढाना चाहते हैं जिससे पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा है। शिक्षकों में सारे समाजसेवी तो नहीं हो सकते हैं जीने के लिए आज बिजली, पानी, घर की ज़रूरत तो है ही पर देश के अधिकांश भागों में बिजली का पता नहीं रहता तो कोई क्यों वहां जाकर रहना चाहेगा ? फिल हाल देश में कुछ अच्छा हो और ऐसा कोई कानून जल्द ही बन जाए वही अच्छा होगा।

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