मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

शनिवार, 14 नवंबर 2009

नोएडा मेट्रो सबसे आगे

परिचालन के पहले दिन ही नोएडा में मेट्रो ने अपने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए, मेट्रो सूत्रों के अनुसार ३६ जोड़ी ट्रेन चलाकर दिन भर में १ लाख से अधिक लोगों को उनके गंतव्य तक पंहुचा कर अपनी जेब में १५ लाख रूपये जोड़े। मेट्रो के प्रति उत्सुकता का इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे नेटवर्क में लगभग ४३०० कार्ड बिकते थे पर कल नए सेक्टर में ही ३००० कार्ड बिके। जहाँ तक यह कहा जाता है कि लोग अपनी गाड़ियों में सफर करना चाहते हैं उस धारणा की धज्जियाँ कल इस सेक्टर में उड़ गयीं। कल के इस अनुभव से यह तो पक्का हो गया कि यदि सुखद यात्रा हो तो कोई भी सार्वजनिक परिवहन सेवा से दूर नहीं रहना चाहता है। दिल्ली मेट्रो ने दिल्ली में दूरियों को घटा दिया है और अब वह सुखद सेवा के लिए उत्तर प्रदेश में आ चुकी है। दिल्ली जैसे शहर में जहाँ पर लोग अक्सर जाम में फंसे रहते हैं उनके लिए मेट्रो वास्तव में वरदान बनकर आई है। देश में अभी भी सार्वजनिक परिवहन सेवा नगरों के अन्दर बहुत लचर दशा में हैं। यदि किसी तरह से ठोस प्रयास करके इनको सुधार जा सके तो बहुत कुछ सही हो सकता है। प्रदूषण के लिए कुछ और किया जाए या नहीं पर सार्वजनिक परिवहन को मज़बूत किए बिना इस लक्ष्य को नहीं पाया जा सकता है। देश के अन्य बड़े शहरों में भी इस तरह के साधनों को प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए तभी जाकर कुछ सही हो सकेगा।

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