मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

मंगलवार, 5 जनवरी 2010

एम सी डी में भ्रष्टाचार...

भ्रष्टाचार की परतें तो पूरे देश में ही खुलती रही हैं पर जिस तरह से दिल्ली नगर निगम ने अपने भ्रष्ट और निलंबित कर्मचारियों को बहाल करने में बेशर्मी दिखाई है वैसा उदाहरण शायद ही कहीं और मिले. अनियमितता के आरोप में सी बी आई ने जिन कर्मचारियों को भ्रष्टाचार का दोषी पाया था उनमें बिना जांच पूरी किया या रिपोर्ट की परवाह किये बगैर ही बहुत से लोगों को बहल कर दिया गया. यह नियम खुद निगम के अधिकारीयों ने ही बनाया था कि
भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को वापस नौकरी पर नहीं रखा जायेगा. इस मामले पर कोई भी कुछ नहीं बोलना चाहता है. चिंता की बात यह है की इन कर्मचारियों में सबसे अधिक इंजीनियरिंग विभाग के लोग हैं जिन पर पूरे विकास का खाका खींचने से लेकर उस पर अमल करने तक का उत्तर दायित्व होता है. जब इस स्तर पर इतना भ्रष्टाचार मचा हुआ है तो कौन देखेगा की गुणवत्ता का क्या हाल है ? सभी जानते हैं और जैसा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने भी माना था कि विकास के लिए दिल्ली से चला पैसा भ्रष्टाचार के कारण ही सही जगह तक नहीं पहुँच पता है वैसा ही आज भी है. यह हम जनता के लोगों को सोचना होगा कि हमारा पैसा आखिर कब तक ये भ्रष्ट नेता-अधिकारी-ठेकेदार लूटते रहेंगें ? आखिर कभी तो हमें इनकी रक्षा के बारे में और अपने सही विकास के बारे में सोचना ही होगा. केवल भ्रष्टाचार निरोधक कानून और दस्तों से अगर यह रुक सकता तो आज देश में भ्रष्टाचार होना ही नहीं चाहिए था पर यह आज भी सुरसा के मुंह की तरह बढ़ता ही जा रहा है. आइये संकल्प लें कि अपनी निगाहें और पैनी करेंगें और अपने आस-पास होने वाले सरकारी कामों पर नज़र रखेंगें तभी देश का सही विकास हो सकेगा.
काफी दिनों पहले लिखी एक कविता "टीस"  समय होने पर अवश्य पढने की कृपा करें....
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