चिकित्सा के क्षेत्र में वैज्ञानिकों ने चूहों पर प्रयोग कर उनके स्किन सेल्स को नर्व सेल्स में बदलने में सफलता पाई है. अभी तक इस क्षेत्र में जो प्रक्रिया अपनाई जाती थी वह स्टेम सेल्स के माध्यम से होती थी. स्टेम सेल्स के बाद इस तरह की खोज से भविष्य में नर्व सेल्स से जुड़ी किसी भी बीमारी के सफल उपचार की आशाएं अब दिखाई देने लगी हैं. इस सारी प्रक्रिया में कैलिफोर्निया के मेडिसिन स्कूल के डॉ मरिअस वेर्निग ने अपनी टीम के साथ चूहे की स्किन सेल्स को विशेष विषाणु से संक्रमित करके उसे नर्व सेल में बदलने में सफलता पाई. अभी तक केवल ३ जींस ही मिले हैं जो नर्व सेल बनाने में उपयोगी साबित हुए हैं फिर भी इस तरह के प्रयोग ने मष्तिष्क से जुड़ी विभिन्न बीमारियों के सफल उपचार की आशा तो जगा ही दी है. अभी चूहों पर किये गए ये प्रयोग सफल रहे हैं और आगे इन्हें पूरी प्रक्रिया के साथ मनुष्यों में भी अपनाये जाने का प्रयास किया जा रहा है. यदि यह खोज अपने अंजाम तक पहुँचती है तो आज के समय में भ्रूण पर जो निर्भरता अपनाई जा रही है उससे मुक्ति मिल सकेगी. अभी तक इस तरह के मामलों में भ्रूण से इकट्ठे किये गए स्टेम सेल्स से ही ऐसी प्रक्रिया अपनाई जाती है.
इस तरह से बनाये गए सेल्स ने बिलकुल उसी तरह से सूचनाएँ भेजने और प्राप्त करने की क्षमता दिखाई जैसी आम नर्व सेल में होती है. इस प्रकार आगे आने वाली नयी चुनौतियों से निपटने में चिकित्सा विज्ञान अपने को धीरे-धीरे सक्षम करता जा रहा है. इस खोज से बहुत सारी ऐसी बीमारियों को ठीक करने में सफलता मिल सकेगी जिसमें नर्व सेल्स के ख़राब हो जाने या काम न करने से जीवन की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह परिवर्तन एक हफ्ते में ही २० % सफलता के साथ प्राप्त किया जा रहा है भविष्य में इसकी कार्यकुशलता बढ़ने में भी और मदद मिल सकती है.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
अच्छी जानकारी.
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