अमेरिकी उप राष्ट्रपति जो बीडन ने कल स्वीकार किया कि आज के समय में पाक उनकी सबसे बड़ी चिंता है. उन्होंने ईरान के बारे में भी कहा कि यह अल्पसंख्यक कट्टरपंथी परमाणु संपन्न देश भी आगे चलकर खतरा बन सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि पाक में जिस तरह का लोकतंत्र है उससे संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता है क्योंकि वहां पर कभी भी दूसरी ताकतें सत्ता पर कब्ज़ा कर सकती हैं.
आज जब पाक को अमेरिका हर तरह की सहायता आँखें बंद करके देता चला जा रहा है तो इस तरह के वक्तव्य का कोई मतलब नहीं रह जाता है. इसका अर्थ तो यह है कि आप लोग जानते हुए ऐसी जगहों पर हथियार भेज रहे हैं जो आपकी जानकारी में असुरक्षित हाथों में भी जा सकते हैं. कोई भी देश कितना भी संपन्न क्यों न हो उसके लिए आज के युग में आतंकियों से निपटना आसान नहीं रह गया है क्योंकि जिस तरह से ये आतंकी देश की आर्थिक स्थिति को धक्का पहुँचाने का काम करने में लगे हुए हैं वो सबके लिए चिंता का विषय है. अमेरिका को पाक को किसी भी तरह की सहायता देने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आगे चलकर इसका दुरूपयोग नहीं होगा. पाक के साथ सबसे बड़ा संकट विश्वसनीयता का है क्या पता कल को इन घातक हथियारों कि तकनीक आतंकियों को दे दी जाये और विश्व के देश केवल तमाशा देखते रह जाएँ ?
आज पाक पर इस बात का दबाव बनाना बहुत आवश्यक है कि वहां पर स्वस्थ लोकतंत्र विकसित हो साथ ही विकास के आयामों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि बेरोज़गारी में कम उम्र के लोगों को जेहाद के लिए उकसाना आसान होता है. जब उन्हें जीवन के सही मायने विकास के साथ दिखाई दे जायेंगें तभी यह सोचा जा सकता है कि आतंक का वास्तव में खात्मा हो पायेगा.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
साहयता रोके तो बात बने..ऐसे दो मूँहे बयान का क्या फायदा!
जवाब देंहटाएंअमेरिका अपने हितों को देख कर ही सोचता और बोलता है...वरना जब पूरा विश्व पाकिस्तान से चिंतित था तो अमेरिका उसे हथियार बेच रहा था..
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