पाक के खिलाडियों को हाकी विश्व कप के दौरान स्पेन के खिलाफ जो समर्थन दिल्ली में मिला उससे वे बहुत अभिभूत हैं. उनको यह सब इसलिए अनोखा लग रहा है क्योंकि उनके यहाँ भारत का कभी भी इस स्तर पर समर्थन नहीं किया गया है. जब खेल और खेल भावना की बात है तो भारत के आम दर्शकों ने भी दिखा दिया है कि उनको किसी की सलाह की ज़रुरत नहीं है. कुछ फैसले ऐसे होते हैं जिन पर बहुत ज्यादा हल्ला नहीं मचना चाहिए पर पाक को चिल्लाने की आदत है और पुरानी ख़राब आदतें आसानी से नहीं जाती है. भारत ने पाक के खिलाडियों का खेल भावना के साथ समर्थन कर दिया तो अब पाक टीम के लोग भारत को भी इसी तरह की सद्भावना दिखाना चाहते हैं अब वे कह रहे हैं कि भारत को भी पाक में ऐसा ही माहौल दिया जायेगा.
एक आई पी एल से चिढ़े पाक को यह कभी समझ नहीं आ सकता है कि भारत क्या है ? इसको समझने में पूरी दुनिया लगी हुई है पर उसे हर रोज़ ही कुछ नया दिखाई व सुनाई देता है. सद्भावना दिल से आती है दिखावे से नहीं क्या कभी पाक के लोग इन्हीं भावों से भारत का भी समर्थन करेंगें ? शायद कभी नहीं क्योंकि उनका वजूद ही भारत के विरोध पर टिका हुआ है... उन्होंने आज तक भारत को अपना पड़ोसी समझा ही नहीं वे हमेशा ही यहाँ पर जेहाद की बातें करना पसंद करते हैं.. कभी भी उन्होंने भारत कि सही तस्वीर अपने देश में किसी को न तो दिखाई और अगर उसने ख़ुद भी देखनी चाही तो देखने भी नहीं दी ? क्योंकि ऐसा करने से उसके झूठे दावों की पोल खुलती जाती है ? भारत जैसा कोई दूसरा देश नहीं है यह बात सारी दुनिया जानती है भारत एक देश नहीं एक परंपरा का वाहक है यहाँ पर सभी का खुले दिल से स्वागत किया जाता है पर पाक जो कर रहा है उसके बाद वहां के लोग केवल नफरत की भाषा ही समझने लगे हैं और जब भारत में उन्हें लाहौर और कराँची का एहसास होता है तो वे समझ ही नहीं पाते कि ये देश किस तरह से पाक के खिलाडियों को भी समर्थन दे सकता है ?
भारत के लिए 'फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी' का गाना बिलकुल सटीक है कि "हम लोगों को समझ सको तो समझो दिलबर जानी, थोड़ी है नादानी हममे थोड़ी है मनमानी ! थोड़ी सी हुशियारी हममें थोड़ी है बेईमानी, अपनी छतरी तुमको दे दें कभी जो बरसे पानी, कभी नए पैकेट में बेंचे तुमको चीज़ पुरानी... बस भारत कि आत्मा कुछ ऐसी ही है तभी तो पाक में अल्लामा इक़बाल को भी यह लगा था कि सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा...
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें