मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

शुक्रवार, 6 अगस्त 2010

रॉंग नंबर

लगता है कि समय के साथ अब भारत में भी गलत समय पर फ़ोन करके कुछ भी बेचने वालों की अब शामत आने वाली है क्योंकि उन्होंने एक गलत नम्बर मिलाकर अपने लिए मुसीबत मोल ले ली है. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को आई एक काल की बात सामने आने पर अचानक ही दूरसंचार मंत्री जैसे नींद से जाग गए हैं. अभी तक किसी भी उपभोक्ता को किसी भी समय परेशान करने वाली इस तरह की काल हमेशा से ही सरदर्द रही है और विभाग इस बारे में कुछ भी सोचना ही नहीं चाह रहा था. इस मुद्दे पर लगातार ट्राई इस बात को कह रहा था कि किसी भी तरह से उपभोक्ता कि निजता प्रभावित नहीं होनी चाहिए पर सरकार की तरफ से स्पष्ट दिशा निर्देश न होने के कारण ये कम्पनियां लगातार मनमानी  करती जा रहीं थीं.
          ऐसा लगता है कि जैसे मोबाइल लेकर कोई अपराध कर दिया हो ? किसी भी समय आपकी स्थिति को विचारे बिना ये फोन करके आपको कुछ भी बेचने की कोशिश करते देखे जा सकते हैं. अब नए नम्बर से फ़ोन आने के कारण उसे देखना भी आवश्यक होता है और ये कम्पनियां इसी बात का फायदा उठाने से नहीं चूकती हैं. अभी भी डीएनडी सेवा चालू होने के बाद भी ये दूर संचार सेवा प्रदाता खुद ही अपनी योजनाओं के बारे में बताने से नहीं चूकते हैं ? अच्छा तो यह हो कि इस तरह के अपने नंबर ये कम्पनियां सिम में भर कर भेजें जिससे जो चाहे तो उस पर बात सुने या उसकी अनदेखी कर जाये ? अपने उत्पाद को बेचने के लिए किस तरह से दूसरों को परेशान किया जाता है यह भी किसी से छिपा नहीं है.
         आज आवश्यकता इस बात की है कि इस तरह की किसी भी कॉल को करने के लिए कुछ विशेष नम्बर निर्धारित कर दिए जाएँ उनकी संख्या कुछ कम रखी जा सकती है या फिर उनको पहचानने कि लिए कुछ और भी किया जा सकता है. विज्ञान के इस युग में सब कुछ संभव है पर कोई कुछ करना चाहे तभी यह संभव भी है. सबसे अधिक इस बात के बारे में उपभोक्ताओं को जागरूक करने की आवश्यकता है कि वे अपने नंबर पर डीएनडी सेवा को चालू करके रखें तभी उनकी समस्या कुछ हद तक कम हो सकती है. यह सही है कि इस तरह के मामलों में अधिकतर उपभोक्ताओं को यह नहीं पता होता कि आख़िर किस तरह इनकी संख्या को कम किया जा सकता है या रोका भी जा सकता है ? ट्राई के दबाव में आकर ये इस सेवा के बारे में लिख तो देते हैं पर किसी भी उपभोक्ता को यह बात बताना नहीं चाहते हैं कि आखिर किस तरह से कुछ किया जाए ? चलो अच्छा ही है कि इनकी एक गलत काल शायद भारत भर के उपभोक्ताओं को इस समस्या से निजात दिला सके साथ ही धन्यवाद है प्रणब दा को कि उन्होंने इस बात को सार्वजनिक करके आम लोगों की मदद की है...


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2 टिप्‍पणियां:

  1. सार्थक और सराहनीय प्रस्तुती ....

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  2. बहुत खूब है आपकी ये पोस्ट...
    शायद अब सरकार इस पर कोई बेहतर कदम उठाए..
    हम सब ऐसी कॉल्स से परेशान रहते हैं...

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