भारत और सारी दुनिया के लिए चीन-पाक खतरनाक गठजोड़ आने वाले समय में क्या गुल खिलायेगा यह तो अभी नहीं कहा जा सकता है पर यह निश्चित है कि कभी भी किसी चीनी शासक की नज़रें पाक अफगानिस्तान पर पड़ने के बाद इनसे निपटना मुश्किल ही होने वाला है. आज जिस तरह से चीन पाक को अपना मोहरा बनाकर खाड़ी देशों तक अपनी पहुँच बनाने की कोशिशों में लगा हुआ है उसको देखते हुए आने वाले समय में विश्व में बहुत कुछ बदल सकता है. न्यूयार्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक पाक अपने सामरिक महत्त्व के गिलगित बाल्टिस्तान इलाके को गुपचुप तरीके से चीन को सौंप रहा है. चीन इस मार्ग का उपयोग करके अपनी पहुँच पाक के बंदरगाहों के माध्यम से खाड़ी तक करना चाहता है जो उसके किसी भी सैन्य अभियान के समय भविष्य में बहुत काम आने वाला है. इस तरह की विस्तार वादी नीतियों के कारण चीन को अब पूरी दुनिया में संशय से देखा जाने लगा है और अभी भी चीन अपनी इस तरह की हरकतों पर किसी भी तरह से रोक लगाने के पक्ष में नहीं दिखाई देता है.
अख़बार ने पाक की तालिबान से सहयोग और चीन की मदद करने के मंसूबे को कटघरे में खड़े करते हुए यह भी कहा है कि कहीं से भी यह सारी हरकतें यह नहीं साबित करती हैं कि पाक अमेरिका का वास्तविक सहयोगी है. यह बात अमेरिका जब तक समझ पायेगा तब तक बहुत देर हो चुकी होगी. अपने जन्म के समय से ही पाक ने विभिन्न देशों के साथ अपने संबंधों को ज़रुरत के हिसाब से चलाया है. शायद पहली बार चीन के साथ उसके संबंधों में आने वाले समय में उसे यह पता चलने वाला है कि इस देश के साथ इस हद तक दोस्ती बढ़ाकर उसने अपने वजूद को ही संकट में डाल दिया था ? सबसे चिंता की बात यह भी है कि पाक ने इस भाग को लगभग चीन को परोस ही दिया है क्योंकि यहाँ पर विकास के नाम पर लगभग ११ हज़ार चीनी सैनिक आज की तारिख में आ चके हैं. दुनिया के सामने इस समय इस दुर्गम इलाके की कोई खबर नहीं होती है क्योंकि आज़ादी के बाद से पाक ने इस इलाके को पूरी तरह से कब्ज़ा करने के बाद कुछ भी विकास यहाँ पर नहीं होने दिया है. अब चीन यहाँ पर सड़कें और रेल मार्ग बना रहा है. दुर्गम पहाड़ी स्थानों में बनायीं जा रही अनगिनत सुरंगें भी दुनिया के लिए चिंता का कारण बन सकती है क्योंकि इनका उपयोग चीन अपनी मिसाइल छिपाने के लिए भी कर सकता है ? खुले तौर पर इसे ईरान-पाक-चीन गैस पाइप लाइन का हिस्सा माना जा रहा है पर जिस तरह से और जिस संख्या में इनका निर्माण चल रहा है वह संशय ही उत्पन्न करता है.
दुनिया के दूसरे हिस्सों से यहाँ पर कुछ नहीं किया जा सकता और यह इलाका हर मामले में समृद्ध होने के बाद भी पूरी तरह से विकास से बहुत दूर है. अब वहां के स्थानीय निवासियों में इस सब बातों को लेकर बहुत असंतोष व्याप्त हो रहा है कि आख़िर पाक उन पर कब्ज़ा करने के बाद चीन को किस तरह से ऐसे खुले आम काम करने की अनुमति दे सकता है ? फिलहाल तो पाक अपना उल्लू सीधा समझ रहा है और चीन अपने पर जब वास्तव में लाभ उठाने की बात आएगी तो चीन की ताकत के सामने पाक कुछ भी करने की स्थिति में नहीं होगा यह बात भी पूरी दुनिया जानती है.
मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...
पाक कुछ भी करे सोनिया राहुल तो कुछ नहीं बोलेंगे,पाक के खिलाफ बोलने से एक वर्ग विशेष के नाराज होने का खतरा जो है, और बिहार के चुनाव सिर पर है .......जय हो
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