मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

शनिवार, 25 सितंबर 2010

अब ध्यान खेल पर हो

यह सही है कि राष्ट्र मंडल खेलों की तैयारियों में बहुत स्थानों पर बहुत अनियमितता पाई गयी हैं पर अब इन खेलों को अच्छे से करने की ज़िम्मेदारी हर भारतीय की है. जो भी हुआ है वह सही नहीं था पर अब जब बात देश की प्रतिष्ठा से जुड़ गयी है तो कोई नहीं जनता कि कौन कलमाड़ी हैं और कौन कपूर ? जो भी यहाँ आ रहा है वह भारतीय दर्शन जनता और संस्कृति के बारे में जानते हुए इन खेलों का आनंद उठाना चाहता है. अब यह ज़िम्मेदारी हम सभी की है कि हम भारतीय परम्पराओं को ध्यान में रखते हुए इन खेलों को यथा संभव सफल बनाए का काम करें.
        इस पूरे खेल के दौरान दिल्ली वालों की बहुत बड़ी परीक्षा होनी है क्योंकि उन्हें ही वास्तव में बहुत सारे प्रतिबंधों के साथ इन खेलों के दौरान दिल्ली को सुरक्षित भी रखना है. आज जिस तरह से आम आदमी की जिंदगी आतंक के कारण हर समय खतरे में रहती है  उसे देखते हुए दिल्ली के हर नागरिक की यह ज़िम्मेदारी है कि वह आने वाले हर विदेशी नागरिक का पूरा ध्यान रखें ? आज यह खेल देश की सम्पन्नता के वास्तविक स्वरुप को दुनिया एके सामने लाने का एक अच्छा अवसर है पर हमारे मीडिया ने अभी तक भ्रष्टाचार के जिन मामलों को उजागर किया और उनके चलते जिस तरह से मीडिया ने खेल के हर पहलू में कुछ सूंघना शुरू कर दिया उससे इन खेलों की तैयारियों पर भी असर पड़ा. दूसरी तरह वर्षा के कारण भी पहले से ही देर से चल रहे कामों में और भी देरी होती चली गयी. इस तरह के बड़े आयोजनों में हर बात में सब कुछ ठीक रख पाना एक बहुत बड़ी चुनौती होती है पर शायद हम इन चुनौतियों का सामना अच्छी तरह से नहीं कर पाए.
      आइये हम सब भारत वासी इस बात का संकल्प लें कि इन खेलों के दौरान पूरी तरह से सतर्क रहेंगें और कभी भी किसी भी संदिग्ध व्यक्ति से होने वाले हर खतरे के प्रति सचेत रहेंगें. केवल हमारी सतर्कता और सहयोग ही इन खेलों के दौरान हमारी छवि को प्रस्तुत करने में सहायक होंगी.  मीडिया से भी रचनात्मक सहयोग की अपील कि वह भी संयम के साथ काम करे और भारत में आ चुनके विदेशी खिलाडियों के मन में कोई नकारात्मक छवि बनाने का काम अब बंद कर दे.


मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें