मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

शनिवार, 16 अक्तूबर 2010

अब होगी जांच

सफलता असफलता की तमाम आशंकाओं के बीच झूलते हुए राष्ट्रमंडल खेल आख़िरकार बहुत अच्छे प्रदर्शन के साथ समाप्त हो गए. इस मामले में सरकार की तरफ से पहले ही कहा गया था कि किसी भी तरह के किसी के भी खिलाफ लगाये जा रहे आरोपों की गहन जांच करायी जाएगी. इसी क्रम में मनमोहन सिंह ने एक जांच समिति बनाकर ३ महीने में उससे रिपोर्ट देने को कहा है. इस समिति की अध्यक्षता पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक वी के शुंगलू करेंगें जबकि उल्लेखनीय है कि शुक्रवार से ही कैग ने अपनी जाच फिर से शुरू कर दी है जिसे खेलों के दौरान सुरक्षा कारणों से रोक दिया गया था क्योंकि जहाँ से दस्तावेज़ इकट्ठे करने थे वहां पर खिलाडियों के रहने आदि की भी व्यवस्था थी.
            इस समिति को खेलों से जुड़े हर पहलू पर जांच करने के आदेश और अधिकार दिए गए हैं वह निर्माण के ठेके से लेकर प्रसारण सम्बन्धी विवादों तक की जांच करने के लिए स्वतंत्र है. सरकार ने समिति को जितने अधिकार दिए हैं उससे लगता है कि वह इस बात के लिए बहुत गंभीर है कि पूरे मसले की सच्चाई सामने आनी चाहिए. देश की प्रतिष्ठा को इन खेलों की तैयारियों को लेकर जो गंभीर क्षति पहुँचाने की कोशिश की गयी थी उससे तो बचा लिया गया पर अब जब हम भविष्य में देश में ओलंपिक कराने के लिए दावेदारी करने की सोचे बैठे हैं तो इस तरह की किसी भी गतिविधि से हमारी छवि दागदार होती है. अच्छा ही है कि समिति पूरे मामले की जांच को स्वतंत्र है. अगर किसी भी तरह के भ्रष्टाचार के पाए जाने पर हम दोषियों के खिलाफ़ कार्यवाही करते हैं तो इससे हमें अपने को आगे के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी. यह भी सही है कि ओलंपिक करने के लिए बहुत संसाधनों की आवश्यकता होगी पर तब तक भारत इतना सशक्त हो चुका होगा कि इस की बातें होनी ही बंद हो जायेंगीं.
           अभी भी देश में हमें बहुत कुछ सीखने की ज़रुरत है और जब तक हम अपने को ज़िम्मेदार नहीं मानेंगें तब तक इस तरह के भ्रष्टाचार होते ही रहेंगें. अब समय है कि देश के भवष्य से जुड़ी हुई किसी भी परियोजना पर विचार करते समय यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि कहीं से भी पारदर्शिता पर आंच न आने पाए. कोई भी बड़ा आयोजन करते समय या विकास की बड़ी परियोजनाओं से जुड़े हर मसले पर देश को साथ लेना होगा क्योंकि जब बहुत सारे आँख कान होंगें तो गड़बड़ी करना आसान नहीं रह जायेगा. ऐसे हर मामले में एक स्थायी समिति किसी भी तरह की राजनीति से अलग हटकर बनायीं जानी चाहिए जो पूरे मामले की चरण बद्ध तरीके से समीक्षा करती रहे. फिलहाल यह माना जा सकता अहि कि सरकार निष्पक्ष तरीके से इस मामले में जांच करने के लिए संकल्पित है.     

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