मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

मंगलवार, 19 अक्तूबर 2010

फिर से ओसामा

मीडिया में फिर से एक बार यह ख़बरें छाने लगी हैं कि अल-कायदा के बड़े आतंकी और शीर्ष नेतृत्व अभी भी पाकिस्तान में ही छिपे हुए हैं. अफगानिस्तान में तैनात नाटो के एक सैन्य अधिकारी ने गुमनाम रहते हुए इन ख़बरों की पुष्टि की है कि आज भी उमर और जवाहरी क्वेटा और करांची के बीच किसी स्थान पर छिपे हुए हैं. वैसे देखा जाए तो यह कोई बड़ा रहस्योदघाटन नहीं है फिर भी कभी न कभी अमेरिका के सैन्य अधिकारी भी इस बात को दबे छिपे यह मान ही लेते हैं कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में पाक उनके साथ धोखा करने पर लगा हुआ है. सबसे बड़ी बात यह है कि आज की तारीख़ में अमेरिका पाक पर भरोसा करना नहीं चाहता है पर उसके पास विकल्प सीमित हैं और पाक को मदद के लिए अमेरिका की ज़रुरत भी है.
         यहाँ पर दोनों एक दूसरे की मजबूरियों का लाभ उठाने के लिए प्रयासरत हैं पर इस सारी कवायद में अमेरिका का अफगानिस्तान में जाने का उद्देश्य विफल हुआ जा रहा है. आज अमेरिका चाहे कुछ भी कह ले पर वह भी जानता है कि अगर आज भी अल-कायदा के आतंकी उसकी पहुँच से दूर हैं तो उसका कारण केवल पाकिस्तान ही है. अब भी अमेरिका पाकिस्तान की तरफ से आँखें मूँद कर बैठा हुआ है और जब तक वह कुछ करने की सोचेगा तब तक तो बहुत देर हो चुकी होगी. आज आवश्यकता एक उमर या जवाहरी की नहीं है बल्कि विश्व को इस तरह के खतरों से बचाने की है और जब तक कोई ऐसी संस्था नहीं होगी जो इन सभी बातों को पीछे छोड़कर केवल और केवल पूरे विश्व के बारे में नहीं सोचेगी तब तक प्रभावशाली देश अपने हितों को साधने के लिए किसी भी संस्था का दुरूपयोग करने से नहीं चूकेंगें ?
         आज पाक के सामने अस्तित्व का संकट है और जिस तरह से वहां पर अराजकता बढ़ रही है उसे देखते हुए अगर किसी समय फिर से सेना वहां की बागडोर संभाल ले तो इसमें किसी को भी आश्चर्य नहीं होगा और शायद वहां की जनता भी यह जानती है कि सेना इन नेताओं से कम भ्रष्ट है इसलिए वह सेना के आने का कोई भी विरोध नहीं करेगी. अब भी समय है पाक को एक तरफ होकर या तो आतंक के खिलाफ लड़ाई में रहना चाहिए या फिर बिना कुछ सोचे आतंकी विचारधारा के साथ..... अब बहुत समय हो चुका है और अब दुनिया भी पाक की असलियत जान चुकी है.    

मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

1 टिप्पणी:

  1. हाँ आज ही एक अखबार में पढ़ा है की ओसामा पकिस्तान में है और आई.एस.आई. का मेहमान बनकर रह रहा है .... अमेरिका को अपने वादे के मुताबिक पकिस्तान में घुसकर ओसामा को पकड़ना चाहिए.... आभार

    जवाब देंहटाएं