मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

सोमवार, 25 अक्तूबर 2010

भ्रष्टाचार और हम ?

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त ने आख़िर भ्रष्टाचार से निपटने के लिए देश में एक हेल्प लाइन शुरू कर दी है जिस में काल करके लोग सरकारी विभागों में घूस मांगे जाने के कारण अपने काम में हो रही देरी की शिकायत भी कर सकते हैं. वैसे देखा जाये तो आज देश में इस तरह के बहुत सारे उपाय किये जा रहे हैं पर अभी तक उनका सार्थक परिणाम नहीं दिखाई दिया है ? फिलहाल इस तरह के कार्यालय में अगर कोई शिकायत करता है तो उसका नाम पता गोपनीय रह भी पायेगा या नहीं इस बात की कौन गारंटी देगा ? आज देश में भ्रष्टाचारियों ने अपना तंत्र इतना मज़बूत कर लिया है कि उन्हें हर बात का पता चल  जाता है.
      यह प्रयोग वास्तव में बहुत ही सफल हो सकता है अगर इसमें की जाने वाली शिकायतों का निपटारा प्राथमिकता के आधार पर किया जाने लगे और साथ ही दोषी पाए जाने पर कर्मचारियों के खिलाफ़ समय बद्ध तरीके से कार्यवाही की जाये. आज तक कुछ ऐसा चल रहा है कि दोषी पाए जाने के बाद भी लोग अपने पदों पर काम करते रहते हैं और साथ ही वे शिकायतकर्ता को परेशान करना भी शुरू कर देते हैं. इस सब के चलते लोग आज भी किसी भ्रष्टाचारी के खिलाफ़ शिकायत दर्ज करना ही नहीं कहते हैं ? ऐसा नहीं है कि जनता अपना सहयोग नहीं देना चाहती है पर समस्या तब आती है जब उल्टा शिकायत कर्ता ही परेशानियों में उलझता चला जाता है.
          अब भी समय है कि इस तरह कि शिकायतों के समय शिकायत कर्ता की स्थिति के बारे में भी विचार किया जाये क्योंकि जब तक हर पहलू पर ध्यान नहीं दिया जायेगा तब तक कोई भी इस तरह की परिस्थिति में शिकायत करना ही नहीं चाहेगा और इस हेल्प लाइन का उद्देश्य कभी भी पूरा नहीं हो पायेगा. निस्संदेह सरकार की मंशा इस मामले में लोगों को सही समय पर शिकायत करने की सुविधा देना है पर जिन लोगों के खिलाफ़ यह सब होगा तो क्या वे चुपचाप बैठे रहने वाले हैं ? और इस सारी कवायद में कहीं न कहीं आम जनता का ही नुकसान हो सकता है ? फिलहाल यह एक अच्छी शुरुआत है और इसकी सफलता के लिए हम सभी को कोई अच्छा प्रयास तो करना ही चाहिए. आम जनता से भी निवेदन है कि वह भी किसी भी भ्रष्टाचार को बर्दाश्त न करे और उसकी समय रहते शिकायत भी करना सीखे.
नंबर १८०० ११ ०१८०  और ०११ २४६५१००० सोमवार से शुक्रवार सुबह १० से शाम ७ तक.

मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

3 टिप्‍पणियां:

  1. ऊपर से प्रारम्भ करें, अपने आप खत्म हो जायेगा. लेकिन करेगा कौन. एक अधिकारी जिसके ऊपर गंभीर आरोप थे, प्रमुख संस्था का मुखिया बना दिया गया..

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  2. बहुत अच्छी जानकारी है फोन न. नोट कर लिये हैं। शुभकामनायें।

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