मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

बुधवार, 10 नवंबर 2010

पाक को मिर्ची लगी

बिन मांगे मोती मिले वाली बात जब भारत के साथ चरितार्थ हो गयी है तो पाक के नेताओं को अचानक ही क्षेत्रीय संतुलन नैतिकता आदि जैसे भारी भरकम शब्द याद आने लगे हैं. ओबामा ने अपनी भारत यात्रा के दौरान जिस तरह से पाक और कश्मीर का नाम लिए बिना ही पूरा दिन काट दिया था उससे तो यही लगता था की पाक के मन की होने जा रही है और भारत यात्रा के दौरान अमेरिका के पास भारत के लिए कुछ भी नहीं होगा. पर संसद में बोलते समय ओबामा ने भारत की जिन बातों पर ध्यान दिया वह बिलकुल सही समय पर सही जगह पर दिया गया था. पाक को लगने लगा था कि ओबामा के थैले में भारत के लिए कुछ भी नहीं होगा पर जब उनका थिअला खुला तो जिसकी आशा आम भारतीय को भी नहीं थी उसमें से वह निकल पड़ा.
         यह सही है कि एक समय हम यह हर मंच से माँगा करते थे कि भारत को सुरक्षा परिषद् में स्थायी सीट मिलनी चाहिए पर कभी भी हम खुद ही इस बात को केवल उठाने के लिए ही कहा करते थे. आज के युग में जब पुराना शक्ति संतुलन बदल सा गया है तो भारत का सुरक्षा परिषद् में होना सुरक्षा परिषद् की गरिमा को बढ़ाने वाला होगा. हम में बहुत कम भारतीय इस तथ्य से परिचित भी नहीं है कि एक बार खुद परिषद् ने भारत को सदस्यता देने की बात कहीं थी तब भारत ने यह सीट चीन को दे दी थी. पाक इसे अपनी कूटनीतिक हार के रूप में देख रहा है आज वो नैतिकता की बातें कर रहा है जबकि सभी जानते हैं कि अपने जन्म के समय से ही पाक में नैतिकता नाम की कोई बात रही ही नहीं है ? भारत की निरंतर चलने वाली सभ्यता और संस्कृति से अलग होने का खामियाज़ा आज पाक भुगत रहा है. केवल ६ दशकों में भारत से अलग हुआ ज़मीन का टुकड़ा जिसे दुनिया पाक के नाम से जानती है आज कितने पीछे जा चुका है और भारत के साथ रहते हुए विपरीत परिस्थितियों में कश्मीर घाटी ने जो विकास के आयाम बनाये हैं वे भी कहीं से पाक को रास नहीं आते हैं.
          आज पाक के कुछ नेता हताशा में यह कह रहे हैं कि अमेरिका को कश्मीर के मुद्दे को भारत कि सुरक्षा परिषद् सीट से जोड़कर बात करनी चाहिए ? ऐसा लगता है कि जिन पाक नेताओं को उनके देश में ही कोई नहीं पूछता वे इस बात की ग़लतफ़हमी में जिंदा हैं कि वे अमेरका से ऐसा कुछ करवा पाने में सक्षम होंगें ? आज भारत को सुरक्षा परिषद् की सदस्यता उसकी क़ाबलियत पर मिल रही है वह अमेरिका या किसी अन्य देश की दया से नहीं आ रही है. पाक को सबसे बड़ी बात जो खाए जा रही है कि अब भारत कश्मीर के किसी भी मामले को अपने वीटो से रोक दिया करेगा और भुट्टो की हज़ार साल तक घास खाकर भारत को नीचा दिखने की तमन्ना कभी पूरी नहीं हो पायेगी ?    


मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

1 टिप्पणी:

  1. अभी कुछ भी ऐसा नहीं हुआ है जिस पर खुश हुआ जा सके. सुरक्षा परिषद की सीट बहुत दूर की कौड़ी है..

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