मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

बुधवार, 1 दिसंबर 2010

टेप लीक और टाटा

देश के सबसे प्रतिष्ठित औद्योगिक घराने टाटा के मुखिया रतन टाटा ने कुछ अख़बारों में उनके और नीरा राडिया के बीच हुई बात चीत को सार्वजनिक करने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में जो याचिका दायर की है उसको बिलकुल ही उचित कहा जा सकता है. यह सही है कि सरकार को किसी भी तरह के संदेह के होने पर किसी के भी फोन को टेप करने का अधिकार मिला हुआ है पर इस तरह से किसी की निजी बातों को टेप करना कहाँ तक उचित कहा जा सकता है ? हो सकता है कि जिस उद्देश्य से यह बात टेप की गयी हो वह किसी भी तरह से पूरी न हो पा रही हो तभी जान बूझकर इन लोगों कि निजी बात चीत को सार्वजानिक कर दिया गया हो ?
       टाटा का यह कहना सही है कि सरकार उनकी बात चीत को अपने उपयोग के लिए टेप कर सकती है और उससे यदि किसी भी तरह की अनियमितता सामने आती है तो टाटा समूह उसकी जांच के लिए तैयार है पर किसी भी तरह से उनकी इस बेहद निजी बात चीत को आख़िर किसने सार्वजनिक किया है ? अगर इस तरह की बातों को सार्वजानिक किया जाने लगा तो शायद कोई भी अपने को सुरक्षित नहीं महसूस कर पायेगा ? सरकार के कौन से तत्व ऐसे हैं जिन्होंने देश के चुनिन्दा लोगों पर इस तरह का अप्रत्यक्ष हमला करने की कोशिश की है ? आख़िर उनकी मंशा क्या है ? क्या हम अपने दोस्तों या व्यापारिक भागीदारों के साथ हमेशा ऐसी बात ही करते हैं जो सार्वजनिक होने लायक हो ? बहुत बार बहुत सारी बातें केवल किसी मज़ाक का जवाब देने के लिए ही कह दी जाती हैं और यदि कहीं से भी किसी कानून के उल्लंघन का मामला बनता है तो सम्बंधित विभागों को सम्बंधित व्यक्ति या समूह के खिलाफ कानून सम्मत काम करना चाहिए.
       जिस तरह से इन लगों की बेहद निजी बातों को सार्वजनिक किया गया वह शर्मनाक है किसी भी स्तर पर इसे उचित नहीं कहा जा सकता है ? हम सभी ने यह बात चीत पढ़ी है पर क्या इससे किसी कानून का उल्लंघन होता है ? टाटा जैसे लोग देश की शान हैं और अभी तक यह समूह किसी भी आर्थिक अनियमितता में नहीं फंसा है तो आख़िर किस कारण से उनको  इस तरह से शर्मिंदा करने का काम किया जा रहा है  ? क्या उनको अपने मन की बात करने की आज़ादी भी नहीं है और वह भी सिर्फ इसलिए कि वे रतन टाटा हैं ? रतन की जो इज्ज़त आम भारतीय के मन में है उसे इस तरह के कुछ घटिया खुलासे कभी भी दागदार साबित नहीं कर सकते हैं रतन भारत के रतन हैं और इसके लिए उनको किसी से प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है ? अगर उनके समूह द्वारा किसी भी जगह पर कोई कानूनी अनियमितता की गयी है तो उसको कानूनी तौर पर निपटा जाना चाहिए किसी को भी हताशा में उन पर या किसी अन्य पर व्यक्तिगत आक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है......  

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2 टिप्‍पणियां:

  1. टाटा जैसे लोग देश की शान हैं और अभी तक यह समूह किसी भी आर्थिक अनियमितता में नहीं फंसा है तो आख़िर किस कारण से उनको इस तरह से शर्मिंदा करने का काम किया जा रहा है ? क्या उनको अपने मन की बात करने की आज़ादी भी नहीं है और वह भी सिर्फ इसलिए कि वे रतन टाटा हैं ?

    bahut sahi baat likhi aapne. sahmat hun aapse.

    .

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  2. जिस तरह से इन लगों की बेहद निजी बातों को सार्वजनिक किया गया वह शर्मनाक है किसी भी स्तर पर इसे उचित नहीं कहा जा सकता है
    sahi likha aapne

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