मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

मंगलवार, 14 दिसंबर 2010

रस्म अदायगी क्यों ?

एक और वर्ष बीत गया ? ऐसे ही न जाने कितने वर्ष और बीतते चले जायेंगें और हमारे नेता बेशर्मों की तरह अपने गलत कामों की सजा हमारे वीर जवानों को देते चले जायेंगें ? एक और १३ दिसम्बर निकल गया और एक दिन  फिर से हमारे नेताओं ने शहीदों का मजाक उड़ाया ? आखिर कब सुधरेंगें ये नेता जो अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ हुए हादसे के खुद गवाह हैं और जिन्हें पता है कि शीर्ष अदालत द्वारा अफज़ल को मौत की सजा दे दी गयी है ? आख़िर कौन से कारण हैं कि अभी तक यह फैसला नहीं हो पा रहा है कि उसका क्या किया जाए ? देश को अब इन सवालों का जवाब चाहिए ही ? क्यों नहीं आम नेता यह मान लेता है कि कि अब देश के हित में सोचना उसके बस की बात नहीं रह गयी है ?
       देश में पहले ही कानून इतनी सुस्त गति से चलता है कि दोषियों को सजा इतनी देर से मिलती है कि उस सजा के कोई मायने नहीं रह जाते हैं ? क्या दोष था उन जवानों का और राज्य सभा के उन कर्मियों का जिन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान देकर इन्हीं नेताओं को बचाया जो आज निर्दोषों की मौत पर केवल दो मिनट चुप चाप खड़े होकर अपना काम को ख़त्म मान लेते हैं ? अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है जिन जवानों ने अपनी जान देकर संसद की मर्यादा और इन नेताओं की जान बचायी थी ये नेता उनके सम्मान के लिए क्या कर रहे हैं ?
       अच्छा हो कोई अब ये नेता इस तरह की दिखावे वाली बातों को करना बंद कर दें जिससे आगे आने वाली पीढ़ी को यह पता चल सके कि कहीं कोई उनके हितों की रक्षा नहीं करने वाला है और जिनके लिए वे अपनी जान लुटाने की सोच कर बैठे हैं वह बहुत दूर के लोग हैं उन्हें किसी की मौत और बलिदान में भी केवल अपने वोट ही दिखाई देने लगते हैं ? नेताओं चेत जाओ वरना कहीं ऐसा न हो जाये कि जब जनता सवाल पूछे तो उसके कोई जवाब देने के लिए तुम्हारे पास नहीं हों ? अब देश यह सवाल पूछने में बहुत दिनों तक इंतज़ार नहीं करने वाला है इसलिए चेत भी जाओ कहीं बहुत देर न हो जाये ?    

मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

6 टिप्‍पणियां:

  1. yahi to rona hai rasm adaygi ka koi moika yah nahi hath se jane dete !kab tak yad dilayenge

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  2. आजकल तो सिर्फ़ रस्म अदायगी ही रह गयी है ………अब कहाँ वो जज़्बात रहे।

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  3. किसी नेता और बड़े अफसर का बेटा फौज में भर्ती होते हुये देखा है??

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  4. नेता मक्कार हैं , अब इस देश का भला भगवान भरोसे ही है । अच्छी पोस्ट , शुभकामनाएं । पढ़िए "खबरों की दुनियाँ"

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