मेरी हर धड़कन भारत के लिए है...

सोमवार, 7 मार्च 2011

अल-कायदा और पैसा


पेरू से आने वाली एक रिपोर्ट ने भारत समेत पश्चिमी देशों के कान खड़े कर दिए हैं क्योंकि इसमें कहा गया है कि अल कायदा अब पूरे विश्व में अपने नेटवर्क को पैसा भेजने के लिए यूरोप का इस्तेमाल कर रहा है. अभी तक विभिन्न ख़ुफ़िया एजेंसियों को यही लगता था कि आतंकी यह पैसा केवल खाड़ी और मुस्लिम देशों के माध्यम से ही भेजते हैं पर अब इस खुलासे के बाद सभी को हर स्तर पर और सतर्क रहने की ज़रुरत होगी. अभी तक चिन्हित किये गए तंत्र को छोड़कर जिस तरह से आतंकी संगठन अपने लिए नए नए रास्ते निकलते जा रहे हैं उससे तो यही लगता है कि अभी तक जिस माध्यम का उपयोग काला धन इधर उधर करने के लिए किया जाता था और वो नज़रों में नहीं आ पाता था अब आतंकी भी उसका इस्तेमाल करने लगे हैं. धर्म के नाम पर इकठ्ठा किये गए धन का इस तरह से दुरूपयोग किया जाता है कि धर्म की मर्यादा तार-तार हो जाती है. पाकिस्तान में जिस तरह से आतंकी संगठन खुलेआम जनता से चंदा मांगते रहते हैं उससे तो यही लगता है कि पाक ने इन सभी बातों के अपने में समाहित कर लिया है.
              आज केवल इस्लाम के नाम पर बना पाक किस क़दर अराजकता से घिरा हुआ है इसका अंदाज़ा पूरी दुनिया को है, वहां पर केवल धर्म का नाम लेकर अपने विरोधियों को ईश निंदा कानून के तहत मरवाया जा रहा है ? पाकिस्तान ने जिस धर्म के नाम पर अपने लिए ज़मीन मांगी थी वो उसे २५ साल भी संभल कर नहीं रख सका था और बांग्लादेश ने अपनी भाषा के आगे धर्म को पीछे छोड़ दिया था ? धर्म जीने का तरीका सिखाता है धर्म अच्छे से जीना सिखाता है पर जब धर्म के नाम पर इस तरह का अंधेर मचाया जाने लगता है तो धर्म पर ही उँगलियाँ उठने लगती हैं ? जबकि किसी भी धर्म में सामान्य परस्थितियों में दूसरों से झगडा करने और उन पर अत्याचार करने के लिए नहीं कहा गया है. फिर भी लोग धर्म की मनमानी व्याख्या करके अपने को सही सबित करने की कोशिशें बराबर ही किया करते हैं.
    आज सबसे बड़ी ज़रुरत धर्म के वास्तविक स्वरुप को समझने और समझाने की है और यह समझ धर्म के अन्दर से ही विकसित हो तो इसका उजाला दूर तक जाता है क्योंकि अगर कोई दूसरा इस बात को कहता है तो यह उपदेश अधिक लगता है ? पूरी दुनिया में सभी को अपना धर्म फ़ैलाने का अधिकार है और इस अधिकार को कोई भी चुनौती नहीं दे सकता है अब धर्म के नाम पर आतंक की दुकान चलाने वालों को बेनकाब करने का समय आ चुका है अगर अब भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाली पीढ़ी वर्तमान पीढ़ी से यह सवाल तो पूछेगी ही कि जैसा धर्म आपको मिला था अपने उसे बचाकर क्यों नहीं रखा ? तब किसी के पास उन्हें समझाने और बताने के लिए कुछ भी नहीं होगा. धर्म के नाम पर इकठ्ठा किये जाने वाले धन को पूरी पारदर्शिता के साथ धार्मिक कार्यों में लगाया जाए इस बात का सभी को पूरा समर्थन करना ही चाहिए और कानून का पूरा साथ भी देना चाहिए.
   
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